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पुलवामा के बाद यूपी में बड़े आतंकी हमले की साजिश में जैश, पकड़े गए आतंकियों ने किया चौंकाने वाला खुलासा

कश्मीर के बाद अब जैश उत्तर प्रदेश में किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी को लेकर प्लानिंग कर रहा था।

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पुलवामा के बाद यूपी में बड़े आतंकी हमले की साजिश में जैश, पकड़े गए आतंकियों ने किया चौंकाने वाला खुलासा

सहारनपुर। देवबंद से एटीएस द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादियों को पकड़े जाने के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। कहा जा रहा है कि कश्मीर के बाद अब जैश उत्तर प्रदेश में किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी को लेकर प्लानिंग कर रहा था। इसके लिए स्थानीय युवाओं का ब्रेन वाश करके इस्तेमाल किया जा सकता था।

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वहीं एटीएस ने अब इन दोनों आतंकियों से आमना-सामना कराते हुए इनके संपर्क में रहे छात्रों से भी पूछताछ की है। सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक का कहना है कि 22 फरवरी को पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादियों- शाहनवाज तेली ओर आकिब मलिक को एटीएस ने 23 फरवरी को 10 दिन की पुलिस हिरासत में लिया। इसके बाद एनआईए एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने इन दोनों आतंकवादियों से पूछताछ की थी, जिसके आधार पर काफी जानकारियां प्राप्त हुई थीं। इन्हीं के आधार पर एटीएस दोबारा इन दोनों को देवबंद लेकर आई। यहां इनके संपर्क में रहे छात्रों से पूछताछ की गई।

बताया जा रहा है कि पकड़े गए दोनों आतंकियों द्वारा मदरसे में पढ़ाई करने की आड़ में आतंकी संगठन जैश के लिए युवाओं को भर्ती करने का कार्य किया जा रहा था। जिसका समय रहते भंडाफोड़ हो गया और ये दोनों गिरफ्तार हो गए। वहीं पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि जैश का कमांडर भी इनसे मिलने देवबंद आ चुका था। इतना ही नहीं, उसने मेरठ, अलीगढ़, लखनऊ के साथ ही कई अन्य शहरों का दौरा भी किया था। जिसके बाद जांच एजेंसी और भी सतर्क हो गई हैं।

25 साल बाद सहारनपुर फिर बना जैश का ठिकाना

जैश-ए-मोहम्मद ने करीब ढाई दशक बाद एक बार फिर से सहारनपुर को अपना ठिकाना बनाया है। यहीं से वह अपनी गतिविधियां पूरे पश्चिमी यूपी में संचालित कर रहा था। गत माह ही देवबंद में चल रहे जैश-ए-मोहम्मद के भर्ती कैंप का खुलासा होने के बाद जांच एजेंसियों ने अपना ऑपरेशन और भी तेज कर दिया। बता दें कि इससे पहले भी जैश को लेकर सहारनपुर चर्चाओं में आ चुका है। 1994 में पांच ब्रिटिश नागरिकों और एक आस्ट्रेलिया के नागरिक का अपहरण कर लिया था।

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जिसके बाद तमाम सुरक्षा अधिकारियों ने जांच करते हुए गाजियाबाद के डासना में रह रहे अहमद उमर सईद शेख को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। जिसकी निशानदेही पर साहिबाबाद के तत्कालीन इंस्पेक्टर ध्रुव लाल यादव 2 नवंबर 1994 को सहारनपुर के मौहल्ला खत्ताखेड़ी में दबिश देने के लिए पहुंच गए थे। जहां मुठभेड़ में इंस्पेक्टर ध्रुव लाल यादव और उनका साथी सिपाही राजेश यादव शहीद हो गए थे। यहां एक आतंकी भी मारा गया था। यहीं से इन सभी विदेशी नागरिकों को मुक्त कराया गया था।