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कैराना उपचुनाव प्रचार का आखिरी दिन, भाजपा के खिलाफ गठबंधन के शीर्ष नेताओं का यह मास्टर प्लान

मिशन 2019 के लिए अहम माने जा रहे कैराना उपचुनाव के लिए प्रचार का आज अंतिम दिन है, जहाँ भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है गठबंधन भी पूरी तैयारी में

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कैराना उपचुनाव: चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा को पटखनी देने के लिए गठबंधन के शीर्ष नेताओं बनाया यह मास्टर प्लान

सहारनपुर. मिशन 2019 के लिए अहम माने जा रहे कैराना उपचुनाव के लिए प्रचार का आज अंतिम दिन है। अंतिम दिन गठबंधन और भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी और मंत्री सुबह से ही चुनाव प्रचार में निकल पड़े हैं। आज ताबड़तोड़ सभाएं होंगी, दोनों ही प्रत्याशियों के समर्थक अपनी ताकत से सभी तरह के सियासी तीर निकालेंगे और मिशन उपचुनाव को भेदने का हर प्रयास किया जाएगा। यही वजह है कि प्रचार की इस अंतिम घड़ी में दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व ने कमान अपने हाथों में ले ली है।

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इसलिए भी महत्वपूर्ण है कैराना उपचुनाव

दरअसल, 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कैराना उपचुनाव केंद्र सरकार का अंतिम चुनाव है और यही कारण है कि कैराना उपचुनाव केवल एक कैराना सीट को लेकर नहीं लड़ा जा रहा है, बल्कि पूरे देश की नजरें आज कैराना उपचुनाव पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कैराना लोकसभा क्षेत्र में सभाएं कर चुके हैं। उनकी पहली सभा सहारनपुर के अंबेहटा पीर कस्बे में हुई और 1 दिन बाद दूसरी सभा शामली में हुई। केंद्र सरकार के 4 वर्ष पूरे होने पर सहारनपुर के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत राज्यसभा सांसद विजयपाल तोमर ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए किसानों को साधने की कोशिश की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि किस तरह से भाजपा ने पिछली सरकार की अपेक्षा किसानों के ऋण माफ किए हैं। किसानों को समय से भुगतान किया गया है और आगे भी सरकार की क्या प्लानिंग है। भाजपा कैराना उपचुनाव में कोई कमी छोड़ना नहीं चाहती है। यही कारण है कि मोदी कार्ड से लेकर स्थानीय मुद्दों को इस चुनाव उठाने की पूरी कोशिश की जा रही है। उधर गठबंधन भी पूरी ताकत झोंके हुए है। दोनों प्रत्याशियों के समर्थन में हो रही चुनावी सभाओं में मतदाताओं को यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि यह एक सामान्य चुनाव नहीं है। यह केवल लोकसभा कैराना क्षेत्र का चुनाव नहीं है यह बेहद महत्वपूर्ण चुनाव है जिस पर पूरे देश की नजरें लगी हुई है। बता दें कि कैराना उपचुनाव काफी हद तक 2019 के चुनाव की दशा और दिशा तय करेगा कम से कम वेस्ट यूपी में और उत्तर प्रदेश में 2019 में क्या हालात हो सकते हैं इसका भी आईना कैराना लोकसभा चुनाव बनेगा।

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आज गांव-गांव जाएंगे दोनों प्रत्याशियों के समर्थक

राजनीतिक दलों के पास केवल 1 दिन का समय शेष है और उसमें भी अब कुछ ही घंटे बचे हैं। शुक्रवार शाम तक कैराना लोकसभा क्षेत्र में कई गांव के लोगों की शिकायत यह रही कि उन तक कोई वोट मांगने नहीं आ रहा प्रचार के लिए कोई नहीं आ रहा। ऐसे में दोनों दलों ने गांव-गांव डोर टू डोर पहुंचने का प्लान बनाया है और इसके लिए गठबंधन की ओर से वरिष्ठ नेताओं के साथ 10-10 लोगों की टोलियां बनाई गई हैं और इन टोलियों को देर रात तक क्षेत्र और गांव बांट दिए गए, ताकि डोर टू डोर जाकर चुनाव प्रचार किया जा सके। बता दें कि गठबंधन ने अभी तक कैराना उपचुनाव में कोई बड़ी रैली नहीं की है, लेकिन खुद जयंत चौधरी डेढ़ सौ से अधिक गांव में जा चुके हैं लोगों से बात कर चुके हैं। गठबंधन के पक्ष में अब आम आदमी पार्टी भी आ चुकी है और आप पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने निर्देश दिए हैं कि तबस्सुम के पक्ष में चुनाव प्रचार किया जाए।

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भाजपा नहीं करना चाहती कोई गलती

गोरखपुर और फूलपुर चुनाव से सबक लेकर भाजपा अब कोई गलती नहीं करना चाहती है। इसके लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल, राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल ने एक बार फिर से सभी पदाधिकारियों को पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्वनी त्यागी खुद कैराना लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं। गठबंधन की ओर से चुनाव प्रचार में 10-10 लोगों की टोली बनाई गई है तो भाजपा की ओर से हर बूथ पर 21-21 लोगों की टीम ने बना दी गई है।

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