इस मौके पर भाजपा की ओर से जश्न मनाया जा रहा है। बीजेपी की ओर से तीन अगस्त तक महिला मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा के कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में महिला मुस्लिम बुद्धिजीवियों से भी संपर्क साधा जा रहा है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजिका शाहीन परवेज कहती हैं कि बेटियों को समानता और सुरक्षा का अधिकार देने के लिए एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने तलाक़-ए-बिद्दत के ख़िलाफ़ एक क़ानून बनाया था।
तीन तलाक कानून ( Muslim women ) के खिलाफ इस कानून से मुस्लिम महिलाओं को बहुत फायदा पहुंचा। सारी मुस्लिम महिलाओं ख़ासतौर से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से जुड़ी महिलाओं ने प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया है। महिलाओं का कहना है कि, जब से क़ानून बना है तब से तीन तलाक़ के केसों में काफी कमी आई है। अब पति तीन तलाक देते हुए डरने लगे हैं। तीन तलाक़ के विरुद्ध कानून बनने के बाद कई महिलाओं के परिवार बस गए हैं।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजिका ने बताया कि यह कानून बने एक साल हो गया है। अब तीन तलाक देने में पति डरने लगे हैं। कानून में पीडि़त महिला गुजारे भत्ते की भी हकदार है। इस कानून में एक प्रावधान और शामिल होना चाहिए कि जब तक मामला कोर्ट में चले, पति दूसरी शादी न कर सके। इसके साथ ही बहु पत्नी व्यवस्था पर रोक लगनी चाहिए।