
सहारनपुर। स्वास्थ्य विभाग की टीम अब घर-घर पहुंचेगी और टीबी राेगियाें की तलाश करेगी। अगर किसी घर में एक भी टीबी का मरीज है ताे उस घर के पूरे सदस्याें का रिकार्ड बनेगा और उनके स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाएगा।
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इसका मुख्य कारण यह है कि, 2025 तक भारत काे टीबी (क्षय रोग)
मुक्त रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक टीबी राेगी अस्पताल पहुंचकर अपना इलाज कराते थे, अपना टेस्ट कराते थे लेकिन अब अस्पताल की टीम घर-घर पहुंचेगी और पता लगाएगी कि काेई टीबी मरीज रह ताे नहीं गया है। सहानरपुर मंडल में यह अभियान शुरु हाे गया है और टीम अब घर-घर जाकर लाेगाें से पूछ रही है कि उनके घर में काेई टीबी का मरीज ताे नहीं है।
क्या कहते हैं सीएमओ
सहारनपुर सीएमओ बीएस साेढी का कहना है कि यह अभियान सहारनपुर में चल रहा है। अभियान के तहत टीमें अलग-अलग माेहल्लों में जा रही हैं। उन्हाेंने यह भी बताया कि, जिस घर में टीबी का मरीज है उस घर के सभी सदस्यों की पूरी जानकारी ली जाएगी। उस घर के सभी सदस्यों के नाम रजिस्टर में दर्ज हाेंगे और उनका चेकअप भी कराया जाएगा। यदि किसी घर में काेई टीबी का मरीज नहीं है ताे उस घर के मुखिया काे यह लिखकर देना हाेगा कि उनके घर में काेई भी टीबी का मरीज नहीं है।
अस्पताल की टीम काे एनपीआर की टीम बताकर लाैटाया
सहारनपुर के खाताखेड़ी में यह टीम जब एक घर में पड़ताल के लिए पहुंची ताे वहां माेहल्ले के लाेग इकट्ठा हाे गए। इन लाेगाें ने साफ कह दिया कि यह जानकारी एनपीआर रजिस्टर के लिए धाेखे से मांगी जा रही है। इसलिए काेई जानकारी नहीं दी जाएगी। इस तरह सहारनपुर के खाताखेड़ी में काफी देर तक हाईवाेल्टेज ड्रामा चला। इसका एक वीडियो भी साेशल मीडिया पर वायरल हाे रहा है। इस वीडियो पर सीएमओ का कहना है कि लाेग अफवाह ना फैलाएं। केवल उसी घर के सभी सदस्यों की जानकारी मांगी जा रही है जिस घर में काेई टीबी का मरीज है। जिन परिवारों में काेई टीबी का मरीज नहीं है उस परिवार के मुखिया काे यह लिखकर देना हाेगा कि उनके घर में काेई टीबी का मरीज नहीं है।
Updated on:
24 Feb 2020 05:31 pm
Published on:
24 Feb 2020 05:29 pm
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