इस पूरे मामले में प्रशासनिक अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। फिलहाल चर्चाएं हैं कि किसी ने नदी में जहरीला पानी डाला है जिससे यह घटना हुई। बताया जा रहा है कि, बाबा लालदास बाड़े के पास जहां पांवधाेई नदी का उद्गम स्थल है वहां पर केमिकल वाली फैक्ट्रियों के कचरे की धुलाई की जाती है। यहां बोरियों की धुलाई की जाती है। इन बोरियों में चूना और गमैक्सीन आदि होते हैं। आशंका जताई जा रही है कि, इसी वजह से पानी जहरीला हो गया और मछलियों की ( died ) मौत ( died ) हो गई।
पांवधाेई नदी को साफ करने के लिए सहारनपुर में पिछले दस वर्षों से प्रयास चल रहे हैं। करोड़ों रुपया अब तक पानी की तरह बहा बहा जा चुका है। यह नदी शहर के बीचोबीच से निकलती है। दशकों पूर्व इस नदी का पानी इतना स्वच्छ था कि इसी नदी में केवट लीला भी हुआ करती थी। रामलीला का यह मंचन देखने के लिए प्रदेश भर से लोग सहारनपुर पहुंचा करते थे लेकिन अब यह नदीं गंदे नाले का रूप ले चुकी है।