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सहारनपुर

UTKAL EXPRESS ACCIDENT: ट्रेन हादसे की कहानी इन महिला यात्री की जुबानी

पत्रिका के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में सहारनपुर के मोहल्ला मेहंदी सराय की रहने वाली इन दो बहनों ने बयां किया एक्सीडेंट के बाद ख़ौफ़ का मंजर

सहारनपुरAug 20, 2017 / 03:53 pm

Iftekhar

UTKAL EXPRESS ACCIDENT: woman tells the horror story in muzffarnagar train accident

UTKAL EXPRESS ACCIDENT: woman tells the horror story in muzffarnagar train accident

सहारनपुर। खतौली में हुई दिल दहला देने वाली ट्रेन दुर्घटना में सहारनपुर के भी दो लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में सहारनपुर के मोहल्ला मेहंदी सराय की रहने वाली 70 वर्षीय महिला करिश्मा भी हैं। करिश्मा अपनी दो भांजी अस्मा और उजमा के साथ आगरा से सहारनपुर आ रही थी और तभी रास्ते में खतौली के पास एक ट्रेन दुर्घटना हो गई इस दुर्घटना में करिश्मा की मौके पर ही मौत हो गई और इनकी दोनों भांजियों को भी चोटें आई हैं। दुर्घटना के बाद से अस्मा और आजमा इस सदमे से उबर ही नहीं पा रही हैं और उनके चेहरे पर 20 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी दहशत के उन पलों की कहानी साफ नजर आती है।
जब दुर्घटना हुई तो उससे ठीक पहले कैसे हालात है और दुर्घटना के बाद जो मंजर हुआ उसकी जानकारी लेने के लिए हम मोहल्ला मेहंदी सराय में उजमा और आसमां के घर पहुंचे तो देखा कि दोनों बहने बेहद डरी हुई थी और इन्होंने कोई भी बात करने से साफ इंकार कर दिया. किसी तरह हमने इन दोनों बहनों से बात की तो उस खौफनाक मंजर को याद करके आसमां एक बार फिर से रोने लगी।
आसमां ने बताया कि उनका उत्कल एक्सप्रेस में रिजर्वेशन था और उसी बोगी में सवार थी जो बोगी पटरी से उतर कर कॉलेज की बिल्डिंग में जा घुसी। आसमा के मुताबिक दुर्घटना होने से ठीक पहले पूरी ट्रेन हिलने लगी थी और फिर उसके तुरंत बाद एक जोरदार धमाके के साथ उनका डिब्बा ट्रेन के दूसरे डब्बे पर जा चढ़ा. उजमा अपने बेटे को लेकर ऊपर वाली सीट पर लेटी हुई थी और बीच में इनकी छोटी बहन थी. जबकि सबसे नीचे इनकी खाला 70 वर्षीय करिश्मा लेटी हुई थी इस दुर्घटना के तुरंत बाद सबसे नीचे लेटी हुई करिश्मा के ऊपर सीट का मलबा गिर गया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। करिश्मा के मुताबिक खाला का यह हाल देखकर उनकी चीख निकल गई लेकिन अगले ही पल उन्होंने अपने बेटे को सीने से लगा लिया और किसी तरह ट्रेन के डब्बे से बाहर निकलने की जुगत लगाने लगी।

आसमा ने बताया कि मैं बहुत डर गई थी और ट्रेन के सीसे फूट गए थे चारों और खून ही खून पढ़ा था और लोग चिल्ला रहे थे। सभी गांव वाले मदद के लिए आ गए थे लेकिन सब लोग इस तरह से चिल्ला रहे थे कि पहले हमको निकालिए, पहले हमको निकालिए। आसमा के मुताबिक दुर्घटना के करीब 10 मिनट बाद वह बोगी से बाहर निकल गए थे लेकिन दहशत में उनसे कुछ भी बोला नहीं जा रहा था आसमां और उसमा दोनों के पैरों में चोट आई है और इनका छोटा बेटा भी दुर्घटना के बाद से डर रहा है।
आगरा से सहारनपुर आ रहा था परिवार

आसमा ने बताया कि वह आगरा से उत्कल एक्सप्रेस में सवार हुए थे हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर कुछ देर के लिए ट्रेन रुकी तो उन्होंने वहां पर खाना खाया था और जब ट्रेन मेरठ स्टेशन पहुंची तो इसके बाद वह अपनी अपनी सीट पर लेट गए थे. अभी उनकी आंख लगे कुछ मिनट ही हुई थी कि इस हादसे ने उनको हिलाकर रख दिया। असम की खाना करिश्मा का शव दोपहर बाद जब मेहंदी सराय पहुंचा तो पूरा मोहल्ला फफक फफक कर रो पड़ा। बोलने वालों के मुताबिक करिश्मा एक विधवा महिला थी उनकी उम्र करीब 70 वर्ष थी और नमाजी महिला थी उनकी मौत पर आज पूरा मोहल्ला आंसू बहा रहा है।

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