
Sambhal Violence: संभल हिंसा मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर दंगा भड़काने की FIR हुई है। अभी तक 2750 अज्ञात लोगों के कुल 7 FIR दर्ज हुई हैं। वहीं, 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
संभल के ताजा हालत बताते हुए मुरादाबाद के डिवीजन कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि हालात कंट्रोल में हैं। उस इलाके को छोड़कर अन्य जगह दुकानें खुली हैं। जिस तरह के सबूत मिल रहे हैं। कड़ी कार्यवाही होगी। संभल के सांसद और विधायक के पुत्र को उकसाने में आरोपित किया गया है। ऐसे युवाओं को आगे कर इस काम को कराया गया है, जिनकी उम्र पढ़ने की है। हिंस में 4 लोगों की मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में देसी बंदूक में इस्तेमाल होने वाले कारतूस का होना पाया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जिला प्रशासन ने बेकाबू स्थिति से निपटने के लिए सोमवार को कई तरह की पाबंदियां लगाने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक, कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा।
इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। डीआईजी के अनुसार, हिंसा मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने सपा सांसद जिया उर रहमान पर हुई एफआईआर पर सवाल उठाए हैं। मामले में संभल पुलिस ने भी जवाब दिया। पुलिस का कहना है कि उन्हें पहले भी भड़काऊ भाषण नहीं देने के लिए नोटिस दिया गया था।
अखिलेश यादव ने कहा, "हमारे सांसद जिया उर रहमान संभल में थे ही नहीं, इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। यह सरकार द्वारा किया गया दंगा है। कोर्ट द्वारा आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंच गए। इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं। जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है।
उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
Updated on:
25 Nov 2024 05:26 pm
Published on:
25 Nov 2024 05:20 pm
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