
Posts Vacant: मध्य प्रदेश के सतना मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की भारी कमी के चलते छात्रों की पढ़ाई पर संकट मंडरा रहा है। मेडिकल कॉलेज में स्वीकृत 144 पदों में से आधे यानी 72 अब भी खाली पड़े हैं। सीनियर और जूनियर रेसीडेंट के पद भी पर्याप्त संख्या में भरे नहीं गए हैं, जिससे मेडिकल कॉलेज की शैक्षणिक गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेसीडेंट के 50 और जूनियर रेसीडेंट 13 पद अब भी रिक्त हैं। विभागवार देखा जाए तो एनाटमी, फिजियोलॉजी, पैथोलॉजी और फॉरेंसिक मेडिसिन जैसे अहम विषयों में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के मानकों के अनुसार, मेडिकल कॉलेज में सभी स्वीकृत पदों पर नियुक्तियां होनी चाहिए, लेकिन सतना मेडिकल कॉलेज की स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। एनएमसी टीम कभी भी निरीक्षण के लिए आ सकती है और अगर कॉलेज जरूरी मानकों पर खरा नहीं उतरा तो अगले सत्र में सीटें कम होने का खतरा भी है।
डॉक्टरों का सीनियर रेसीडेंट (एसआर) बनने में रुचि कम होती जा रही है। मेडिकल कॉलेज में एसआर के 77 स्वीकृत पद हैं, लेकिन इनमें से केवल 27 ही भरे गए हैं। यह दर्शाता है कि या तो प्रशासन की नीतियां सही नहीं हैं या फिर चिकित्सकों को यहां काम करने में रुचि नहीं है।
मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. एस. पी. गर्ग का कहना है कि स्वीकृत पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शासन स्तर पर पूरी होगी और दो से तीन सप्ताह में विज्ञापन जारी किया जाएगा। वहीं, एसआर और जेआर के पदों को स्थानीय स्तर पर भरा जाएगा, जिसके लिए जल्द ही विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा।
Updated on:
07 Oct 2025 10:41 pm
Published on:
03 Apr 2025 08:20 am
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