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घायल या बीमार दिखते ही इलाज करने लगते हैं आशीष, 3000 गायों को दी नई जिंदगी

युवक को गायों से बेहद प्यार है। उनके मन में गाय के प्रति इतना स्नेह है कि किसी गाय को घायल या बीमार हालत में नहीं देख सकते। वे ऐसी गायों का इलाज करने में जुट जाते हैं और हर हाल में गाय को स्वस्थ करके ही दम लेते हैं।

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सतना

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deepak deewan

May 13, 2023

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हर हाल में गाय को स्वस्थ करके ही दम लेते हैं

सतना. एमपी के सतना में रहनेवाले एक युवक को गायों से बेहद प्यार है। उनके मन में गाय के प्रति इतना स्नेह है कि किसी गाय को घायल या बीमार हालत में नहीं देख सकते। वे ऐसी गायों का इलाज करने में जुट जाते हैं और हर हाल में गाय को स्वस्थ करके ही दम लेते हैं। वे अभी तक 3000 से ज्यादा गांवों का इलाज कर उन्हें नई जिंदगी दे चुके हैं।

आशीष अग्रवाल टिकुरिया टोला में रहते हैं। वे कई साल से गाय—भैंस आदि की तीमारदारी कर रहे हैं। आशीष ने अपने गांव के घर पर एक गौशाला भी बनाई है। जहां कहीं भी बेसहारा घायल गाय दिखती हैं वे उन्हें अपने घर की गौशाला में ही ले जाते हैं। जब तक गाय पूरी स्वस्थ न हो जाए तब तक गौशाला में ही रखते हैं

उन्होंने सन 2016 में ही गायों की सेवा और उनका इलाज करने के लिए एंबुलेंस शुरु कर दी थी। आशीष बताते हैं कि किसी गाय या बैल को बीमार होते, दुर्घटना में घायल होते और दर्द से कराहते देखते तो मन चीत्कार कर उठता था। यही कारण है कि उन्होंने ऐसी गायों की सेवा का संकल्प लिया और इस काम में जुट गए।

आशीष अग्रवाल 7 साल से इस काम में लगे हैं। वे बताते हैं कि गाय की सेवा कर उन्हें जो सुकून मिलता है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। वे स्वयं और गौ सेवा एंबुलेंस के माध्यम से अभी तक 3000 से ज्यादा गाय—बैल आदि की सेवा सुश्रुषा कर इलाज किया जा चुका है। स्वप्रेरणा से शुरु किया गया ये काम वे स्वयं के खर्च से ही करते हैं, किसी से कभी एक रुपए भी नहीं लिया।