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सावधान! सतना में निपाह वायरस का अटैक, इन जानवरों से रहें दूर

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी: निपाह वायरस से बचाव के बताए उपाय  

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Nipah virus attack in Satna

Nipah virus attack in Satna

सतना . सावधान! शहर में निपाह वायरस का अटैक हो सकता है। इसलिए वायरस से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि निपाह वायरस एक घातक वायरल बीमारी है। यह चमगादड़ द्वारा फैलती है। इस वायरस का स्त्रोत चमगादड़ के रक्त में पाया गया है। लेकिन, इससे चमगादड़ की मृत्यु नहीं होती। चमगादड़ द्वारा खाए गए फलों को अन्य जीव-जंतु व मनुष्यों के खाने पर यह बीमारी उनको हो जाती है। इससे मृत्यु भी हो सकती है। अभी तक यह बीमारी सूअरों और मनुष्यों में ही पाई गई है।

बीमारी के लक्षण
सीएमएचओ ने बताया कि तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बैचेनी, सुस्ती, बेहोशी, उल्टी, दस्त निपाह रोग के लक्षण हैं। रोग की जांच के लिए भारत शासन द्वारा वर्तमान में एनआइवी पुणे बायरोलोजी लैब को चयनित किया गया है। इसमें संदिग्ध रोगियों के रक्त, मूत्र, गले की लार तथा सीएसएफ के नमूनों का वायरोलोजी परीक्षण किया जाता है। संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।

बचाव एवं रोकथाम के उपाय
जन सामान्य को सलाह दी गई कि चमगादड़ वाले क्षेत्रों में चमगादड़ के कुतरे फलों को न खाएं और न ही पेड़ पर लटकी ताड़ी का सेवन करें। बाजार से लाए गए फलों की जांच कर लें कि कहीं वे कुतरे तो नहीं हैं। यदि ऐसा हो, तो तत्काल उन फलो को फेंक दें। उनका सेवन न करे। लंबे समय से बंद तहखाने एवं कुओं में जहां चमगादड़ हो सकते हंै, वहां नहीं जाने की सलाह दी गई है। चमगादड़ों एवं सूअरों के सम्पर्क से बचने के लिए भी कहा गया है। निपाह रोग से संक्रमित व्यक्ति से दूर रहने तथा रोग की शंका होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करने के लिए कहा गया है।