
सतना। धर्मनगरी चित्रकूट में भदई अमावस्या गुरुवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। मंदाकिनी घाट से लेकर कामतानाथ दरबार और परिक्रमा पथ में चारों ओर आस्था का ज्वार नजर आ रहा था। हर जगह भगवान राम और कामतानाथ स्वामी का जयघोष गूंज रहा था। इस अमावस्या मेले में बुधवार की रात से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार 18 घंटे में करीब 4 लाख श्रद्धालुओं ने कामतानाथ स्वामी के दर्शन किए। बुधवार की रात 12 बजे से ही यहां दर्शनार्थियों का रेला पहुंचने लगा था।
नहीं थी पांव रखने की जगह
सुबह 11 बजे तक कामतानाथ दरबार के सामने परिक्रमा पथ में पांव रखने तक की जगह नहीं थी। सिर्फ लोगों का समुद्र नजर आ रहा था। इसके बाद धूप और उमस बढ़ने से भीड़ कम होने लगी थी। लेकिन शाम को एक बार फिर भीड़ में इजाफा देखने को मिला। चित्रकूट में मेले को लेकर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के हिस्से में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। सतना जिले के कलेक्टर अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता, चित्रकूट जिलाधिकारी अभिषेक आनंद व पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने यहां मेले के दौरान मौजूद रहकर व्यवस्थाओं की निगरानी की।
जत्थों में पहुंचे श्रद्धालु
इस बार दो अमावस्या पड़ने की वजह से तीन दिवसीय भदई मेला घोषित किया गया है। मेले की की शुरुआत बुधवार की रात से हो गई थी। दूर दूर से बसों, निजी वाहनों और रेल गाडि़यों से श्रद्धालुओं के जत्थे आने लगे थे। आसपास के गांवों से काफी संख्या में लोग तो पैदल भी यहां पहुंच रहे थे। सुबह तक रामघाट, भरतघाट, परिक्रमा से लेकर कामतानाथ दरबार में भक्तों का सैलाब पहुंच गया था। पूरी रात श्रद्धालुओं का आवगमन चलता रहा। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन समेत मठ-मंदिरों, धर्मशालाओं, होटलों व लॉज आदि सभी जगह दर्शनार्थियों की भीड़ थी। यहां आने वाले ज्यादातर श्रद्धालु पहले पुण्य सलिला मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगा रहे थे। इसके बाद महाराजाधिराज मत्तगयेन्द्रनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद भगवान कामदनाथ के दरबार पहुंचकर दर्शन कर परिक्रमा लगाए। वहीं अन्य श्रद्धालु सीधे कामतानाथ के दर्शन को पहुंच रहे थे। दूर दराज से आने वाले श्रद्धालु मठ आश्रमों में रुक कर कामतानाथ स्वामी के दर्शन के साथ ही चित्रकूट धाम के दर्शन को हनुमानधारा, स्फटिक शिला, सती अनुसुइया, गुप्त गोदावरी आदि धार्मिक स्थलों पर दर्शन के लिये पहुंचे।
अधिकारियों का संयुक्त भ्रमण
अमावस्या मेला एमपी और यूपी के चित्रकूट क्षेत्र में चल रहा है। लिहाजा यहां दोनों जिलों के अधिकारियों कर्मचारियों के बीच ड्यूटी आपसी समन्वय के बीच लगाई गई है। जानकारियां एक दूसरे को साझा की जा रही है। इसी के मद्देनजर सतना और चित्रकूट जिले के कलेक्टर और एसपी ने संयुक्त भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
यहां पानी को परेशान हुए लोग
चित्रकूट मेले में भीड़ नियंत्रण को लेकर मध्यप्रदेश के हिस्से में सतना बस स्टैण्ड को अस्थाई रूप से रजौला में स्थानान्तरित किया गया था। लेकिन यहां पर पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गई थी। जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालु यहां पीने के पानी के लिये परेशान होते रहे।
मनमानी किराया और पार्किंग
मेले में आए बाहर के श्रद्धालु जो चित्रकूट चारों धाम घूमना चाहते थे उनसे आटो वालों ने मनमानी किराया वसूला। इस दौरान आम दिनों में लिये जाने वाले किराए से दो गुना शुल्क वसूला गया। यही हाल पार्किंग का रहा। पार्किंग में भी दो से तीन गुना तक शुल्क वसूला गया।
प्रतिबंध के बाद भी अगरबत्ती जलाई गई
परिक्रमा पथ में प्राचीन मुखारबिंद के सामने मेले के दिन अगरबत्ती जलाना और नारियल फोड़ना प्रतिबंधित है। लेकिन श्रद्धालुओं ने प्रतिबंध को दरकिनार कर मुखारबिंद के सामने बड़े पैमाने पर अगरबत्ती जलाई और नारियल फोड़ा। नतीजा यह रहा कि देर शाम पूरा गेट अगरबत्ती और हवन से पट गया था और लोग अंदर नहीं जा पा रहे थे। लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर रोक लगाने के कोई ठोस इंतजाम नजर नहीं आए। हालांकि जब कलेक्टर को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने नगर परिषद से यहां पर तत्काल सफाई करवाई। उल्लेखनीय है इसी स्थान पर पूर्व में अगरबत्ती की वजह से ही भगदड़ मची थी जिसमें कई लोगों की मौत हो चुकी थी।
Published on:
15 Sept 2023 10:58 am
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