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MP में 8 जिलों को जोड़कर बसेगा ‘नया जंगल’, प्लान तैयार!

new jungle: एमपी में केन-बेतवा लिंक परियोजना से एक बड़े टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा डूबेगा। इसके बदले मध्यप्रदेश के 8 जिलों में नया लैंडस्केप यानी जंगल विकसित होगा। इसका प्लान सरकार ने तैयार कर लिया है। जानें इसकी पूरी कहानी ….. (Ken-Betwa Link Project)

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सतना

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Akash Dewani

Jul 21, 2025

greater panna landscape plan Ken-Betwa Link Project new jungle tiger reserve

greater panna landscape plan Ken-Betwa Link Project new jungle tiger reserve (फोटो सोर्स- पन्ना नेशनल पार्क वेबसाइट)

greater panna landscape plan: केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) का एक बड़ा हिस्सा डूब क्षेत्र में आने से वन्यजीवों और जैव विविधता पर गहरा असर पड़ने की आशंका है। परियोजना में टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का लगभग 25 फीसदी हिस्सा प्रभावित होगा। नुकसान की भरपाई के लिए सतना, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, रीवा, दमोह और कटनी जिलों को शामिल कर 47,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 'ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप प्लान तैयार किया गया है। (new jungle)

प्लान हुआ तैयार

योजना लागू करने के लिए एकीकृत लैंडस्केप प्रबंधन योजना बनाई जा रही है। आठों जिलों से वार्षिक कार्ययोजना (एपीओ) तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। सतना जिले ने 5 करोड़ रुपए का एपीओ प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें बाघों और गिद्धों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

परियोजना के प्रभाव को कम करने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना को चार प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है- सुरक्षा, रहवास प्रबंधन, जागरुकता अभियान और वन विभाग का सुदृढ़ीकरण। योजना का उद्देश्य वन्यजीवों और जैव विविधता की रक्षा के साथ-साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष को न्यूनतम करना है।

रहवास प्रबंधन को लेकर की गई बात

वन्य प्राणियों के लिए उपयुक्त रहवास सुनिश्चित करने कई कदम उठाए जाएंगे। जंगल से लैंटाना जैसे अवांछित पौधे हटाकर सघन वन क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ाने ग्रासलैंड तैयार होंगे। वन्य प्राणियों के लिए जल स्रोतों का निर्माण और संरक्षण भी इस योजना का हिस्सा है। सतना जिले में चित्रकूट, मैहर और अमरपाटन जैसे क्षेत्रों में गिद्धों के लिए विशेष क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। ऊंचे पेड़ों की रोपाई, भोजन-पानी की व्यवस्था होगी।

जागरूकता पर भी दिया जाएगा जोर

मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षण देकर और जंगल पर उनकी निर्भरता कम कर संघर्ष की स्थिति को न्यूनतम करने का प्रयास किया जाएगा। सामुदायिक सहयोग पर आधारित योजनाएं तैयार की गई हैं। शिकार को रोकने वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों को जागरूक किया जाएगा। वन विभाग का सुदृढ़ीकरण वन्यजीव और जैव विविधता संरक्षण के लिए विभाग की क्षमता बढ़ाने पर भी जोर है।

सरभंगा कंजर्वेशन रिजर्व का प्रस्ताव

वन विभाग सरभंगा कंजर्वेशन रिजर्व का प्रस्ताव तैयार करने में जुटा है। जुलाई के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है। 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं में सहमति ली जाएगी। 2025 के अंत तक प्रस्ताव को अंतिम स्वीकृति मिल सकती है। पन्ना टाइगर रिजर्व में 100 से अधिक बाघों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में आने-जाने वाले बाघों के लिए सुरक्षित गलियारों और जल स्रोतों का विकास किया जाएगा।

ऐसे होगी वन्यजीवों की सुरक्षा

वन्यजीवों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। वन क्षेत्रों में वॉच टावर की संख्या बढ़ाई जाएगी। गश्ती व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाएगा। जंगलों में आग की घटनाएं कम करने विशेष उपाय किए जाएंगे। बिजली तारों के माध्यम से होने वाले अवैध शिकार को पूरी तरह रोकने कड़े कदम उठाए जाएंगे। इन उपायों को शामिल कर सतना जिले ने विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है।