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सतना में राहुलः मप्र में अर्थव्यवस्था का इंजन बंद, जीएसटी व्यापारियों काे मारने भाजपा का हथियार

सतना की सभा में राहुल ने कहा कि भाजपा सरकार काबिल युवाओं को भी रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकार आई तो किसानों को 3200 रुपए समर्थन मूल्य देंगे। ओबीसी का सर्वे कराएंगे।

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सतना। विंध्य की 15 और पन्ना की 3 सीटों को साधने पहुंचे राहुल गांधी ने अपने 37 मिनट के भाषण में बेरोजगारी, महंगाई, जीएसटी के जरिए भाजपा सरकार को घेरा। अडानी-अंबानी पर भी जुबानी हमला बोला। राहुल ने सबसे ज्यादा 42 बार ओबीसी पर बात की। राहुल गांधी ने कहा कि यहां के पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। सिविल इंजीनियरिंग कर चुका युवा रेलवे स्टेशन में कुली का काम करने को मजबूर है। सरकार जीएसटी के जरिए किसानों, छोटे व्यापारियों और दुकानदारों से पैसा लेकर उद्योगपतियों को दे रही है। साजिश के तहत छोटे उद्योग खत्म कर दिए गए। उन्होंने सरकार बनने पर पुरानी पेंशन, सस्ता गैस सिलेंडर, अधिक समर्थन मूल्य और कर्ज माफी का वादा किया। उन्होंने कहा कि मप्र में अर्थव्यवस्था का इंजन बंद हो चुका है।

ओबीसी: मोदी कहते हैं देश में कोई जाति नहीं

राहुल ने कहा कि ओबीसी बोलकर मोदी पीएम बन गए। जैसे ही हमने ओबीसी की आबादी पूछ ली और जाति जनगणना की बात कर दी तो अब मोदी कहने लगे कि हिन्दुस्तान में कोई जाति नहीं। सिर्फ एक जाति है गरीब। वे देश को सच्चाई बताना नहीं चाहते। राहुल ने अफसरशाही की नियुक्तियों में भी ओबीसी की अनदेखी की बात कही। कहा, जैसे ही मप्र में कांग्रेस सरकार आएगी सबसे पहले जातीय सर्वे कराएंगे। केंद्र में आते ही जातीय जनगणना कराएंगे। जातीय जनगणना देश का एक्स-रे है। हर आदमी को अपनी आबादी और भागीदारी पता हो जाएगी तब सही विकास होगा।
युवा: जहां भाजपा वहां रोजगार नहीं

राहुल गांधी का शुरुआती भाषण युवाओं और बेरोजगारी पर फोकस रहा। कन्याकुमारी से कश्मरी तक की भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव सुनाते हुए कहा कि जब भी किसी युवा से मिलता तो दो ही सवाल होते कि क्या पढ़े हो और क्या कर रहे हो? इंजीनियरिंग, मेडिकल, लीगल स्टडी करने वालों का भी जवाब मिलता कि बेरोजगार हैं। ये इस देश की सच्चाई है। जहां भी भाजपा की सरकारें हैं वहां ऊर्जा से भरे योग्य युवाओं को रोजगार नहीं हैं।

जीएसटी: व्यापारी-किसानों को मारने का हथियार

राहुल ने कहा कि रोजगार बड़े उद्योगपति नहीं बल्कि छोटे व्यापारी और मध्यम उद्यमी देते हैं। इनकी हिन्दुस्तान में पहले लाखों छोटी यूनिट होती थीं, भाजपा सरकार ने आते ही इन छोटे व्यापारियों पर नोटबंदी और जीएसटी के जरिए हमला बोल दिया। जीएसटी टैक्स नहीं छोटे व्यापारियों और किसानों को मारने का हथियार है। पहले किसानों पर टैक्स नहीं लगता था, भाजपा ने उनसे भी टैक्स लेना शुरू कर दिया। किसान ट्रैक्टर खरीदता है तो टैक्स देता है। खाद खरीदता है तो टैक्स देता है। कीटनाशक खरीदता है तो टैक्स देता है। पूरा देश रोज जीएसटी में टैक्स भर रहा। पेट्रोल भरवाया तो जीएसटी, कपड़े खरीदे तो जीएसटी। देश के ओबीसी, आदिवासी और जनरल वर्ग के गरीब लोग जीएसटी देते हैं और बीजेपी की सरकारें गरीबों से जीएसटी लेकर बैंक के जरिए पूरा पैसा अडानी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को दे देती है। कांग्रेस सरकार गरीबों की जेब में पैसे डालती है। मनरेगा लेकर आई और गरीबों को पैसा दिया। भोजन का अधिकार दिया।

एमपी: भाजपा ने नींव उखाड़ दी

राहुल ने कहा, मप्र की नींव किसान, मजदूर, बेरोजगार, युवा, छोटे दुकानदार और मध्यम व्यापार चलाने वाले हैं। इन्हें बीजेपी ने 20 साल में खत्म कर दिया। छत्तीसगढ़ में किसानों को 3200 रुपए समर्थन मूल्य, कर्जमाफी, मजदूरों को खाते में पैसे देने और 500 रुपए में सिलेंडर देने का वादा कांग्रेस ने पूरा किया। मध्यप्रदेश में 18 साल में 18 हजार किसानों ने आत्महत्या कर ली। जबकि, कांग्रेस किसानों को पैसा देती है, वह पैसा व्यापारियों के पास जाता है और इससे अर्थव्यवस्था का इंजन चालू हो जाता है। वादा किया कि सरकार बनती है तो जितना पैसा बीजेपी ने बड़े उद्योगपतियों को दिया उतना कांग्रेस गरीबों को देगी।

मोदी: 2 करोड़ का सूट

राहुल ने मोदी पर तंज भी कसा। कहा, दो दिन में आपने कभी एक ही सूट में मोदी को देखा। मेरी सफेद शर्ट तो चलती है। वो रोज लाखों का कोई न कोई नया कपड़ा पहनते हैं। चाय की बात करते हैं और दो करोड़ का सूट पहनते हैं। हजारों करोड़ के हवाई जहाज में चलते हैं और बात गरीबी की करते हैं।

फसल बीमा: 16 कंपनियों को सौंपी किसानों की कमाई

फसल बीमा को लेकर राहुल ने कहा कि किसानों को कभी फसल बीमा का लाभ नहीं मिलता है। समझाया कि केंद्र सरकार ने जीएसटी से वसूले 20 हजार करोड़, राज्य सरकार ने 10 हजार करोड़ और किसानों ने 3 से 4 हजार करोड़ दिए। ये 35 करोड़ उठाकर सरकार ने 16 कंपनियों को दे दिया। जब ओला, पाला, तूफान आया तो किसानों को बीमा का एक पैसा नहीं मिला। कंपनियों ने नुकसान मानने से इनकार कर दिया। ये मोदी सरकार का काम है।

स्पीच ट्रैक

उद्बोधन: 37.23 मिनट

ओबीसी: 42 बार

किसान: 27 बार

जीएसटी: 22 बार

युवा: 19 बार

मोदी: 17 बार

एमपी: 16 बार

बेरोजगारी: 12 बार

व्यापारी: 10 बार

आडानी: 8 बार