scriptsatna: बिना फील्ड देखे नर्सरी के बीच से बना दिया नेशनल हाइवे का प्रस्ताव | Highway proposal from middle of nursery without physical verification | Patrika News
सतना

satna: बिना फील्ड देखे नर्सरी के बीच से बना दिया नेशनल हाइवे का प्रस्ताव

सतना की सर्वश्रेष्ठ नर्सरी में शामिल संजय निकुंज के अस्तित्व पर खड़ा हुआ संकट
उप संचालक उद्यान ने जिले से शासन तक के अधिकारियों से लगाई गुहार

सतनाMay 16, 2022 / 01:29 pm

Ramashankar Sharma

satna: बिना फील्ड देखे नर्सरी के बीच से बना दिया नेशनल हाइवे का प्रस्ताव

satna: Highway proposal from the middle of nursery without physical verification

सतना. जिले की प्रसिद्ध नर्सरियों में शामिल नागौद तहसील की संजय निकुंज नर्सरी के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। यह स्थिति नर्सरी के बीच से प्रस्तावित किये गये नेशनल हाइवे के कारण बनी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उप संचालक उद्यान ने न केवल परियोजना निदेशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को अवगत कराया है बल्कि अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उद्यान विभाग के डायरेक्टर ने भी कलेक्टर को इसं संबंध में पत्र लिखा है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम चनकुइयां से शासकीय संजय निकुंज नर्सरी के अंदर से होकर नेशनल हाइवे का बाईपास मार्ग प्रस्तावित किया गया है। यह जानकारी उद्यान अधीक्षक को जब पटवारी ने दी तो हड़कम्प की स्थिति बन गई है। बताया जा रहा है कि जिस तरीके से नर्सरी के अंदर से बाईपास मार्ग प्रस्तावित किया गया है उससे नर्सरी दो भागों में विभाजित हो जाएगी।
नष्ट हो जाएंगे मातृ वृक्ष

इस नर्सरी में बड़े पैमाने पर 30 से 35 साल पुराने आम, अमरूद और नींबू के 200 से ज्यादा पेड़ लगे हुए हैं। इन मातृ वृक्षों में ही ग्राफ्टिंग के माध्यम से रोपणी में नये पौधों का उत्पादन किया जाता है। बाईपास जाने की स्थिति में ये मातृवृक्ष नष्ट हो जाएंगे। जिसके कारण यहां पर नये पौधों का उत्पादन ठप हो जाएगा साथ ही रोपणी की आय भी प्रभावित होगी।
एनएचबी की मान्यता की चल रही कार्यवाही

संजय निकुंज में वर्तमान में मनरेगा योजनान्तर्गत पौध उत्पादन की 3 वर्षीय योजना का कार्य भी चल रहा है। यह रोपणी जिले की सबसे अच्छी रोपणियों में शामिल हैं। इस कारण इसे एनएचबी (नेशनल हार्डीकल्चर बोर्ड) से मान्यता की कार्यवाही प्रचलित है। उपसंचालक उद्यान ने बताया कि रोपणी के बीच से मार्ग निकल जाने पर रोपणी नष्ट होने की कगार पर पहुंच जाएगी, जो जिले के लिये अपूर्णनीय क्षति होगी।
यह है विकल्प

बताया गया है कि नर्सरी के बीच से बाईपास न निकाल कर रोपणी के दक्षिणी छोर में मंदिर एवं ग्रिड के बीच में स्थित शासकीय भूमि से बाईपास निकाला जा सकता है। राजमार्ग प्राधिकरण को इस विकल्प पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
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