
laqshya yojana launched, ministry of health and family welfare
विक्रांत दुबे @ सतना। केंद्रीय लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए एक नई योजना शुरू की है। जिला अस्पताल आने वाली गर्भवती को अब 'मिशन लक्ष्य' विशेष सुविधाएं दिलाएगा। इसके लिए 20 चिकित्सकों सहित नर्सिंग स्टाफ का एक क्वॉलिटी सर्किल बनाया गया है। टीम ऑपरेशन लेबर रूम, मेटरनिटी, गायनी वार्ड सहित ऑपरेशन थियेटर में गुणात्मक सुधार की कवायद में जुटी है। ताकि पीडि़तों को बेहतर चिकित्सा मुहैया कराकर मातृ-शिशु मृत्यु दर के ग्राफ को कम किया जा सके।
ये है मामला
केंद्रीय लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मातृ-शिशु मृत्यु दर में गिरावट लाने के लिए 'लक्ष्य' योजना शुरू की गई है। इसमें सतना सहित प्रदेश के दो दर्जन जिला चिकित्सालयों को शामिल किया गया है। योजना के अंतर्गत अस्पताल के प्रसव कक्ष, मेटरनिटी वार्ड, गायनी वार्ड, एसएनसीयू, कंगारु केयर वार्ड की चिकित्सा व्यवस्थाओं में गुणात्मक सुधार लाने की कवायद की जा रही है। ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम, एसएनसीयू में अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण भी स्थापित किए जाने की योजना बनाई गई है।
स्टॉफ का बनाया सर्किल
मिशन कायाकल्प में सफलता और एनक्यूएएस (नेशनल क्वॉलिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड) सर्टिफिकेट मिलने के बाद अब प्रबंधन मिशन लक्ष्य में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन की कोशिशों में जुटा हुआ है। विशेष चिकित्सक, मेडिकल ऑफिसर, स्वास्थ्य अधिकारियों सहित नर्सिंग स्टाफ का एक सर्किल बनाया गया है। जो चिकित्सा सुविधाओं की मॉनीटरिंग कर रहा है। रोजाना सिविल सर्जन डॉ एसबी सिंह को रिपोर्ट प्रस्तुत की जा रही है।
70 फीसदी से अधिक अंक तो पुरस्कार
क्वॉलिटी सर्किल द्वारा सुविधाओं में कराए गए गुणात्मक सुधार का संचालनालय स्वास्थ्य सेवा की टीम अगस्त माह में निरीक्षण करेगी। टीम द्वारा अस्पताल आने वाले पीडि़तों को दी जा रही चिकित्सा सुविधाओं के आधार पर मूल्यांकन कर अंक दिए जाएंगे। 70 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त होने पर प्रबंधन को हर साल तीन लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
Published on:
17 Jul 2018 12:04 pm
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