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Matyagajendra Nath- इन्हीं की आज्ञा से श्रीराम ने चित्रकूट में गुजारे थे वनवास के 11 साल

Matyagajendra Nath: मध्यप्रदेश में है मत्यगजेंद्रनाथ शिव मंदिरः शिवपुराण में है इस शिवलिंग का वर्णन, ब्रह्रा ने की थी स्थापना

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सतना

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Manish Geete

Jul 15, 2022

Matyagajendra Nath

Matyagajendra Nath: धार्मिक नगरी चित्रकूट की पहचान भगवान श्रीराम से जुड़ी है। लेकिन यहां मां मंदाकिनी के किनारे रामघाट पर विश्वप्रसिद्ध प्राचीन मत्यगजेन्द्र नाथ शिव मंदिर है। मंदिर का इतिहास चार युग पुराना है। जिसमें स्थापित शिवलिंग की महिमा का वर्णन शिवपुराण में भी मिलता है। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की स्थापना स्वयं भगवान ब्रह्मा ने अपने हाथ से की थी। कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी स्थान पर यज्ञ किया था। यज्ञ के प्रभाव से निकले शिवलिंग को स्वामी मत्यगजेन्द्र नाथ के नाम से जाना जाता है।

 

यह लिखा है शिवपुराण में

मंदिर के पुजारी पं. विपिन तिवारी बताते हैं कि शिवपुराण के अष्टम खंड के दूसरे अध्याय मे मत्य गजेन्द्रनाथ भगवान के बारे में वर्णन है। ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु की आज्ञा पर चित्रकूट के पवित्र पर्वत पर यज्ञ किया था, जिसमें शिवलिंग निकला। वही शिवलिंग मंदिर में स्थापित है। यहां जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। जो मनुष्य प्रात: काल मंदाकिनी में स्नान कर मत्यगजेन्द्र नाथ का पूजन करता है, उसके सभी मनोरथ पूरे होते हैं।

 

 

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भगवान राम ने किया था जलाभिषेक

बताते हैं कि त्रेता युग में जब भगवान राम वनवास के लिए चित्रकूट आए तो मत्यगजेन्द्र नाथ से आज्ञा लेकर चित्रकूट में साढ़े 11 वर्ष व्यतीत किए। राम मंदाकिनी में स्नान करने के बाद तट पर विराजे भगवान शिव का जलाभिषेक करते थे। मंदिर में जलाभिषेक का विशेष महत्व है।

 

सावन में उमड़ती है भीड़

भगवान श्रीराम की वनवास स्थली चित्रकूट में शिवमंदिर अत्यंत मनोरम स्थान पर है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु मत्य गजेन्द्रनाथ मंदिर में विराजे शिवलिंग के दर्शन करता है, लेकिन श्रावण माह में यहां दर्शन का महत्व और बढ़ जाता है। एक माह तक इस मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

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