दिल को झकझोर देने वाला ये मामला सतना के कोठी कस्बे का है। फिलहाल, बच्ची की मौत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उसकी मां की तलाश शुरु कर दी है। पुलिस का कहना है कि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी बच्ची की मौत का कारण भूख की शिद्दत और चीटियों द्वारा काटना आया है।
शरीर पर झूमी हुई थीं लाखों चीटियां
जानकारी के मुताबिक, सतना चित्रकूट मार्ग पर कोठी कस्बे के पास रविवार को उस समय अचानक सनसनी फैल गई, जब राह से गुजर रहे लोगों ने सड़क किनारे से एक नवजात के कराहने की आवाज सुनी।कुछ लोग दोड़कर आवाज की गए तो सामने उन्होंने जो नजारा देखा, उसने उन सभी के होश उड़ा दिए। वहां एक नवजात बच्ची पड़ी बिलख रही थी, जिसके शरीर पर लाखों चीटियां झूमी हुई थीं। चीटियों के काटने से उसके शरीर पर कई जगह लाल-लाल निशान पड़ गए थे तो वहीं इक्का दुक्का जगह से तो खूद तक झलक आाय था। राहगीर तुरंत ही बच्ची को कोठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत देखते हुए तुरंत ही भर्ती कर लिया।
डॉक्टर नहीं बचा सके जान
कोठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से ही कोठी थाना पुलिस को भी सूचना दी गई, जिसके बाद पुलिस भी तुरंत ही स्वास्थ केंद्र पहुंच गई। वहीं दूसरी तरफ चिकित्सक बच्ची की जान बचाने की जद्दोजहद में जुट गए। उपचार तो शुरु हो गया था, लेकिन चिकित्सकों की तमाम जद्दोजहद मासूम को बचाने के लिए नाकाफी थी। आखिरकार बच्ची की मौत हो गई।इसके बाद बच्ची का पोस्टमॉर्टम कराया गया, जिसमें खुलासा हुआ कि, मौत से पहले बच्ची बहुत भूखी थी। साथ ही, चीटियों ने भी उसे बुरी तरह काटा था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चीटियों का जहर भी नवजात के शरीर में भारी मात्रा में होना पता चला है।
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अब मां को तलाश रही पुलिस
मामले में पुलिस का कहना है कि, मामला गंभीर है। ऐसे मामलों में कुछ लोग बदनामी के डर से अपने ही बच्चों को फेंक जाते हैं या लड़की होने की वजह से भी उसे मार देते हैं। फिलहाल, पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है। जैसे ही कोई सुराग मिलता है तो उस पर आगे की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसे सजा दी जाएगी। फिलहाल, पुलिस नवजात की मां को तलाशने में जुटी हुई है।
‘ये दर्द उनसे पूछो जिनकी औलाद नहीं’
वहीं दूसरी तरफ, इस तरह की घटना सामने आने के बाद इलाके के लोगों में बच्ची का ऐसा हाल करने वालों के खिलाफ खासा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि, जो भी इस तरह की हरकत करता है, उसे कड़ी से कड़ी से सजा दी जानी चाहिए। स्थानीय युवक सलीम खान का कहना है कि, ऐसे कितने ही लोग हैं दुनिया में जिन्हें औलाद नहीं है। अगर औलाद न होने का दर्द जानना है तो कोई ऐसे लोगों से पूछों जो बच्चे की चाहत में क्या क्य नहीं करते। उनका कहना है कि, लोगों को कम से कम अपने ही बच्चों को इस तरह तो नहीं फैंकना चाहिए। बल्कि इसके बजाय वो किसी जरूरतमंद को वो बच्चा दे दें या फिर किसी अनाथालय में छुड़वा दें।
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