
MP election 2018: 50 EVM VVPat Machines Bad in satna madhya pradesh
सतना। सख्त सुरक्षा घेरे में की जा रही इवीएम की सीलिंग की प्रक्रिया के दौरान काफी संख्या में वीवीपैट खराब निकल रही हैं। कई कंट्रोल यूनिट भी खराब हुई हैं। वीवीपैट की खराबी के मामले में गलत हैण्डलिंग का तर्क तकनीकी जानकारों की ओर से सामने आया है, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि एफएलसी में गंभीरता नहीं बरते जाने से इतनी ज्यादा संख्या में खराबी आ रही है।
उधर व्यंकट क्रमांक एक में चल रही इवीएम मशीनों की सीलिंग प्रक्रिया से मीडिया को दूर रखा गया। जबकि आयोग की ओर से इस पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। चुनाव कार्य में वाहन सप्लाई करने वाले ठेकेदार सहित अन्य लोगों को बकायदा प्रवेश करने दिया गया। इससे सवाल यह खड़ा हो गया कि आखिर यहां ऐसा क्या हो रहा था जिसे जिला निर्वाचन छिपाना चाह रहा।
ये है मामला
सूत्रों के अनुसार इस बार सीलिंग के दौरान काफी संख्या में वीवीपैट खराब निकल रहे हैं। इनकी संख्या आधा सैकड़ा से ज्यादा बताई जा रही है। कुछ दिनों पहले ही एफएलसी के दौरान सही मिले वीवीपैट अब क्यों खराब हो रहे हैं इस पर संबंधित अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। मामले में निर्वाचन कार्यालय की ओर से सफाई दी जा रही है कि हैण्डलिंग सही नहीं होने से यह स्थिति बन रही है।
कुछ दिनों पहले ही हुई थी एफएलसी
जबकि जानकारों का कहना है कि अभी कुछ दिनों पहले ही इनकी एफएलसी की गई और इसमें सबकुछ सही पाने के बाद सुरक्षित रखा गया। कलेक्ट्रेट से 200 मीटर की दूरी में अगर हैण्डलिंग के कारण वीवीपैट खराब हो रहे हैं तो अपने आप में बड़ी बात है क्योंकि इन मशीनों को तो 100 किमी. तक का सफर करना होगा। हकीकत जो भी हो लेकिन जिस तरीके से इस मामले से मीडिया को दूर रखा गया है उससे तमाम सवाल खड़े हो गये हैं।
इन क्षेत्रों की वीवीपैट मशीनें खराब
जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार मैहर की 19, सतना की 11, रामपुर की 8, अमरपाटन सहित अन्य की 22 से ज्यादा वीवीपैट मशीनें खराब निकली है। विगत चुनावों के दौरान एफएलसी की प्रक्रिया देखने के लिये मीडिया पर रोक नहीं होती थी। प्रतिबंध पर सीईओ वीएल कांताराव ने कहा कि निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। इसमें मीडिया को तो हर स्तर पर स्वयं से बताना और दिखाना चाहिए।
कंट्रोल यूनिट में भी गड़बड़ी
इसी तरह से बताया जा रहा है कि ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में भी गड़बड़ी निकल रही है। जो जानकारी सामने आई है उसमें रामपुर में 3, मैहर में 6, सतना में 2, अमरपाटन में 5 सहित लगभग 20 की संख्या में कंट्रोल यूनिट खराब निकले हैं। इसमें बैलेट इश्यू करने के बाद किसी में टाइमिंग गलत हो रही है तो किसी में डिस्प्ले सही नहीं आ रहा है। यहां भी सवाल एफएलसी पर खड़ा हो रहा है कि आखिर इस दौरान मशीनों की क्या जांच की गई। अगर सही जांच हुई तो रखे रखे कुछ ही दिनों में ये मशीनें कैसे खराब हो रही है।
Published on:
23 Nov 2018 01:15 pm
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