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MP election news: इस जिले की 7 सीटों पर फंसा पेंच, अब दिल्ली तय करेगी उम्मीदवार

भाजपा का टिकट वितरण: केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजे गए दावेदारों के नाम

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MP election 2018: BJP claimant's Name of sent to central leadership

MP election 2018: BJP claimant's Name of sent to central leadership

सतना। 15 साल से सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी अपनी सूची तय नहीं कर पा रही है। कांग्रेस जहां अपने वर्तमान विधायकों पर विश्वास जताते हुए फिर से चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लिया है, वहीं भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है। तीन दिन तक प्रदेश की राजधानी में चली पार्टी चुनाव समिति की बैठक में जिले की एक भी सीट पर सिंगल नाम पर सहमति नहीं बन पाई।

तीन दिन की माथापच्ची के बाद भी जब प्रदेश चुनाव समिति जिले की एक भी सीट के लिए जिताऊ चेहरा तय नहीं कर पाई तो दावेदारों की सूची पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दी। विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारों की जो सूची दिल्ली भेजी गई है। उसमें प्रत्येक विधानसभा से 3-5 नाम शामिल हैं। अब इन नामों पर मंथन के बाद केंद्रीय समिति को किसी एक नाम पर अपनी मुहर लगानी है।

1- सतना विधानसभा:
इस सीट पर टिकट के लिए आधा दर्जन दावेदार मजबूती के साथ डटे हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला वर्तमान विधायक शंकरलाल तिवारी और योगेश ताम्रकार के बीच है। यदि सर्वे के आधार पर इनमें से किसी एक पर सहमति नहीं बनी तो तीसरा चौंकाने वाला नाम भी सामने आ सकता है।

2- रामपुर बाघेलान विधानसभा:
इस सीट पर वर्तमान विधायक और सांसद के परिवार के बीच टिकट अटकी हुई है। एक ओर जहां सांसद अपने भाई को टिकट दिलाने की लॉबिंग कर रहे हैं वहीं राज्यमंत्री हर्ष नारायण सिंह अपने पुत्र का नाम आगे कर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि भाई की टिकट कटने की स्थिति में सांसद गणेश सिंह इस सीट से खुद चुनाव मैदान में उतरने की दावेदारी कर सकते हैं। यदि इनमें से किसी एक पर सहमति नहीं बनी तो तीसरे विकल्प के रूप में पूर्व विधायक प्रभाकर सिंह पर भी पार्टी दांव लगा सकती है।

3- मैहर विधानसभा:
इस सीट पर कांग्रेस छोड़ भाजपा की टिकट पर विधायक बने नारायण त्रिपाठी को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हालांकि सर्वे रिपोर्ट में नारायण की स्थिति कमजोर बताई जा रही है। एेसे में इस सीट पर भी प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी असमंजस में है। यदि अंतिम चरण में उनके नाम पर सहमति नहीं बनती तो इस सीट से सांसद गणेश सिंह अथवा पूर्व प्रत्याशी बमबम महाराज को फिर मैदान में उतारा जा सकता है।

4- अमरपाटन विधानसभा:
इस सीट से कांग्रेस विधायक व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह को टक्कर देने वाला चेहरा ढूंढे़ नहीं मिल रहा। एेसे में भाजपा इस सीट पर सांसद गणेश सिंह पर दावं खेलने की रणनीति बना रही है। यदि सांसद सामने नहीं आए तो पूर्व विधायक रामखेलावन पटेल या फिर सवर्ण प्रत्याशी के रूप में भाजपा धर्मेन्द्र सिंह तिवारी या शिवा चतुर्वेदी पर दांव खेल सकती है।

5- चित्रकूट विधानसभा:
पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार, शंकरदयाल त्रिपाठी, चंदकमल और सुभाष शर्मा डोली के बीच पेंच फंसी है।

6- रैगांव विधानसभा:
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर भी भाजपा के पास मैदान में उतारने कोई दमदार चेहरा नहीं है। एेसे में क्षेत्र में लगातार पांच बार विधायक रहे जुगुल किशोर बागरी या उनके पुत्र पुष्पराज बागरी पर पार्टी दांव खेलने को तैयार है। यदि सर्वे रिपोर्ट में इनकी स्थिति कमजोर दिखी तो महिला प्रत्याशी के रूप में रानी बागरी को मैदान में उतारा जा सकता है।

7- नागौद विधानसभा:
यहां की टिकट तिकड़ी के बीच फंसी है। खजुराहो सांसद नागेन्द्र सिंह नागौद से पार्टी का चेहरा बनकर फिर उभरे हैं। गगनेंद्र प्रताप सिंह व डॉ. रश्मि सिंह भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं।

विधायक का दिल्ली में ढेरा
जिला मुख्यालय से लगातार तीन बार विधायक रह चुके शंकरलाल तिवारी को अपनी टिकट बचाने एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। भोपाल में हुई पार्टी चुनाव समिति की बैठक में उनके नाम पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई। एेसे में अब अपनी टिकट बचाने सतना विधायक ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है।

सिफारिश नहीं, सर्वे को तवज्जो
भाजपा की टिकट पाने के लिए जिले की सात सीटों पर तीस से अधिक दावेदार एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इनमें सांसद-विधायक से लेकर पार्टी पदाधिकारी शामिल हैं। अपनी टिकट पक्की कराने चुनाव समिति के पास मंत्री से लेकर राष्ट्रपति भवन तक सिफारिशों का दौर जारी है।

प्रदेश नेतृत्व से सर्वे की सूची तलब

लेकिन चुनाव समिति सिफारिश को दरकिनार कर पार्टी व संघ द्वारा कराए गए सर्वे को महत्व दे रही है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि दावेदारों की लिस्ट दिल्ली पहुंचने के बाद केंद्रीय समिति ने प्रदेश नेतृत्व से सर्वे की सूची तलब की है। इसी सूची को आधार बनाकर उम्मीदवारों के नाम तय किए जाएंगे।