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खेतों में टावर और लाइन लगाने पर किसानों को मिलेगा मुआवजा, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

MP High Court: एमपी हाईकोर्ट ने कलेक्टर को फैसले को सहित ठहराते हुए पावर ग्रिड की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि किसानों को प्रति टावर 12 लाख रुपए दिए जाएं।

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सतना

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Akash Dewani

Apr 16, 2025

MP HIGH COURT

MP High Court: मध्य प्रदेश के सतना में पॉवर ग्रिड को उचेहरा क्षेत्र के विभिन्न गांवों से हाईटेंशन लाइन ले जाने के लिए खड़े किए गए टॉवर और ट्रांसमिशन लाइन का मुआवजा देना होगा। हाईकोर्ट जबलपुर ने किसानों के पक्ष में यह फैसला देते हुए पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन की याचिका खारिज कर दी है और सतना कलेक्टर के फैसले को सही ठहराया है। कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब पावर ग्रिड की लाइन और टावर से प्रभावित किसानों को 12 लाख रुपए प्रति टावर और 3000 रुपए प्रति रनिंग मीटर तार का मुआवजा देना होगा।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा ये ?

हाईकोर्ट के फैसले के बाद जनसुनवाई में आए किसानों को सुनने के बाद कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने पावरग्रिड कार्पो. के अधिकारियों को न्यायालय के फैसले का पालन करने एवं पीड़ित किसानों को मुआवजा भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। जनसुनवाई में उच्च न्यायालय के फैसले की कॉपी कलेक्टर को देते हुए प्रभावित किसानों ने बताया कि 2012 से 2015 के बीच पावर ग्रिड कार्पो. द्वारा उचेहरा तहसील के अतरबेदिया खुर्द, पिथौराबाद, लालपुर, अमिलिया, नंदहा, अटरा, अमदरी, धनेह, कोनी, कोलगढ़ी, गोबरांव कला, करही जैसे गांवों में 765 केवी की विद्युत ट्रांसमिशन लाइन का काम किया गया था।

पावर ग्रिड ने की राशि देने में गड़बड़ी

इसके लिए किसानों के खेतों में टॉवर खड़े किए गए और पावर लाइन बिछाई गई। किसानों ने जब इसकी क्षतिपूर्ति मांगी तो पावर ग्रिड ने कुछ किसान राशि दी और कुछ को नहीं दी। इसे लेकर बड़ा विरोध खड़ा हुआ। अंत में तत्कालीन कलेक्टर अजय कटेसरिया ने कलेक्टर न्यायालय में इसकी सुनवाई करते हुए 2 नवंबर 2021 को किसानों के पक्ष में फैसला किया। टावर से प्रभावित किसानों को 12 लाख रुपए और लाइन से प्रभावित किसानों को 3 हजार रुपए रनिंग मीटर भुगतान करने का आदेश दिया। लगभग 137 किसानों को यह मुआवजा राशि देने के आदेश किए गए। इसके विरुद्ध पावर ग्रिड ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी।

मैहर जिले की जनसुनवाई में आए 29 आवेदन

सतना, कलेक्टर रानी बाटड ने मंगलवार को जनसुनवाई में जिले के विभिन्न अंचलों से प्राप्त 29 आवेदनों पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारी को निराकरण करने के निर्देश दिए। इस मौके पर अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, महिला बाल विकास अधिकारी राजेन्द्र बांगरे सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

निगमायुक्त मामले का निराकरण करें

नगर निगम क्षेत्र से संबंधित एक मामले में आवेदक ने बताया कि तीन लोगों को निगम के जिम्मेदारों द्वारा गलत अनुग्रह सहायता राशि दे दी गई है। इसकी वसूली को लेकर कलेक्टर द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किए गए हैं। 8 अन्य पात्र लोग हैं जिन्हें राशि नहीं दी जा रही है। शिकायत को कलेक्टर ने देखा और पाया कि यह शिकायत पहले भी आ चुकी है और निगमायुक्त को कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं। कलेक्टर ने निगमायुक्त को निर्देशित किया है कि पूर्व में भी अवगत कराए जाने के बाद निराकरण है किया जा सका है इसीलिए इन सभी मामलों का तुरंत निराकरण किया जाए।

जनसुनवाई में पहुंचीं पुष्पांजलि पाण्डेय ने कलेक्टर को बताया कि उनके पति विकास का हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया है। दो बेटियां अनन्या पाण्डेय कक्षा छठवीं और आनंदिता पाण्डेय कक्षा पांचवीं में एकेडमिक हाइट्स में अध्ययनरत हैं। पति घर में इकलौते कमाने वाले थे, उनके निधन के बाद घर की आर्थिक स्थित खराब हो गई है। इन स्थितियों को देखते हुए पुष्पांजलि ने फीस में छूट दिलाने की मांग रखी। इस पर कलेक्टर ने उप संचालक सामाजिक न्याय और डीईओ को निर्देशित किया। कलेक्टर के निर्देश के बाद विद्यालय प्रबंधन ने 15400 रुपए आनंदिता का और 13860 रुपए अनन्या की फीस माफ करते हुए डीईओ को सूचित किया है।