21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अजब-गजब: भूतों ने बनाए पीएम आवास और तालाब, मजदूरी का पैसा भी लिया, ऐसे हुआ खुलासा

MP News: अजब-गजब एमपी के सतना जिले का मामला, जनपद पंचायत मझगवां की ग्राम पंचायत मेहुती में भूतों के इस तालाब की खबर आपको भी कर देगी हैरान...

2 min read
Google source verification

सतना

image

Sanjana Kumar

Oct 03, 2024

MP News

MP News Ajab Gajab: सतना जिले की जनपद पंचायत मझगवां की ग्राम पंचायत मेहुती में कर्ताधर्ताओं ने गजब ही काम कर दिया। उन्होंने मरे हुए लोगों का काम मांगना दिखा दिया। इतना ही नहीं उनका मैदान में काम करना भी बता दिया।

जब मरे हुए लोगों ने काम मांगा और काम किया भी तो, वे मजदूरी तो मांगेंगे ही। लिहाजा रोजगार सहायक मंजूलता त्रिपाठी और सचिव दिनेश गौतम ने इसमें भी कसर नहीं छोड़ी। बस थोड़ी सी कमी उनसे यह रह गई कि मजदूरी का पैसा उन्होंने मरे हुए लोगों को देना न दिखाकर किसी और को भुगतान होना बता दिया। लोकायुक्त रीवा की संभागीय सतर्कता समिति ने इस कारस्तानी को पकड़ लिया और एक बड़े खेल का खुलासा हो गया।

ये है पूरा मामला

रोजगार सहायक मंजूलता और सचिव दिनेश ने आरती लखेरा पुत्री रामपाल लखेरा, रामकृपाल शर्मा पुत्र विश्वनाथ शर्मा और ललिया शर्मा पत्नी रामकृपाल शर्मा को मनरेगा में काम करना दिखाया। इसमें वस्तुस्थिति यह है कि ये तीनों व्यक्ति दुनिया में ही नहीं हैं। उनकी कब की मौत हो चुकी है। रोजगार सहायक और सचिव ने इनके नाम दर्ज कर मनरेगा की राशि निकाल ली।

फर्जीवाड़े में पूरा परिवार शामिल

लोकायुक्त कार्यालय रीवा की संभागीय सतर्कता समिति ने जांच में पाया कि फर्जीवाड़े में रोजगार सहायक मंजूलता के साथ उनके पति सुखेंद्र त्रिपाठी, ससुर रामश्रय त्रिपाठी, पुत्र गांडीव प्रसाद त्रिपाठी, देवर सुधीर त्रिपाठी, ननद नीतू त्रिपाठी और रोशनी त्रिपाठी शामिल हैं।

25 साल से मुंबई में रह रही मंजूलता त्रिपाठी की ननद नीतू को दलित बस्ती के पीछे डग पौंड तालाब बनाने में संलग्न दिखाकर मजदूरी निकाली गई।

सास बुटना त्रिपाठी और ससुर रामश्रय त्रिपाठी द्वारा पीएम आवास और तालाब बनाना दिखाकर राशि निकाल ली गई। यहां यह बताना उल्लेखनीय है कि यह तालाब बना ही नहीं है। लोकायुक्त की ओर से जांच प्रतिवेदन आयुक्त मनरेगा को भेजा गया।

मरे हुए लोगों से काम करवाने के बाद भी जब मजदूर घटने लगें तो दोनों कर्ताधर्ताओं ने सेना में नौकरी करने वाले ईश्वरजीत साकेत पिता सुन्दरलाल साकेत को भी मनरेगा का मजदूर दिखा दिया।

ईश्वरजीत 10 साल से लगातार सेना में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन मेहूती में इनका जॉब कार्ड बनाकर खेत में मेड़ बंधान का काम करना दिखा दिया गया। इनके नाम पर आई मजदूरी के पैसे का भी गबन कर लिया गया।

इनके नाम पर भी फर्जी काम

गांव के अनूप विश्वकर्मा, संतोष त्रिपाठी, विष्णु त्रिपाठी, राजेन्द्र पाण्डेय, रोहित पाण्डेय, मोहित पाण्डेय, आलोक पाण्डेय, रामू शर्मा, रूपा शर्मा, सत्यनारायण शर्मा, रोहिणी विश्वकर्मा, सुमंत दाहिया, रफीक मोहमद, हनुमानदीन मिश्रा और मथुरा पटवा के नाम पर भी फर्जी काम दिखा कर राशि आहरित कर ली गई। राजकुमार सिंह कुशवाहा ने कभी कोई काम नहीं किया, लेकिन इनका और इनके परिवार द्वारा काम करना दिखा कर 17370 रुपए किसी अन्य खाते में भुगतान कर दिया गया।

की जा रही कार्रवाई

मामले में कार्रवाई की जा रही है। संबंधित शाखा को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया है।

- संजना जैन, जिपं सीईओ

ये भी पढ़ें: अतिथि शिक्षकों को पुलिस की खुली धमकी, 'गोली चलाई जाएगी', विवाद बढ़ा तो पोस्टर से छिपा दी लाइन

ये भी पढ़ें: छुट्टी वाला महीना अक्टूबर, 11 दिन बंद रहेंगे स्कूल