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कलेक्टर का तबादला होते ही स्वास्थ्य केंद्रों की निगरानी टीम निष्क्रिय

स्वास्थ्य अधिकारियों को सौंपा गया था निगरानी का जिम्मा, तबादले के बाद निष्क्रिय हुईं टीम

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Negligence in monitoring of health centers

Negligence in monitoring of health centers

सतना. तात्कालीन कलेक्टर के निर्देश के बाद ग्रामीणों को उम्मीदें जागी थी कि बीमार होने पर उन्हें गांव में ही बेहतर और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलेगा। इलाज के लिए शहरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लेकिन कलेक्टर का तबादला होते ही ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। ग्रामीण अंचल की चिकित्सा सेवाओं की निगरानी के लिए गठित स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम निष्क्रिय हो गई है।

बता दें तात्कालीन कलेक्टर सतेंद्र सिंह को पेरीफेरी में सामुदायिक, प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केंद्रों, ग्राम आरोग्य केंद्रों में लापरवाही की लगातार शिकायतें मिल रही थी। ग्रामीण शिकायत दर्ज करा रहे थे कि केंद्रों में तैनात अमला शहर में निवास करता है। जब इच्छा होती है तब केंद्र खोला जाता है। स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों पर भी मिलीभगत के चलते कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए गए थे। जिसे गंभीरता से लेते हुए तात्तकालीन कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ विजय कुमार आरख को स्वास्थ्य योजनाओं, कार्यक्रमों के आकलन और गुणवत्ता में पर्यवेक्षण द्वारा सुधार लाने के निर्देश दिए थे। जिसके तहत स्वास्थ्य अधिकारियों की चार टीम गठित की थी। जिन्हें विकासखंडवार निगरानी का जिम्मा सौंपा गया था।

तबादला होते ही टीम निष्क्रिय-
कलेक्टर की सख्ती के बाद टीम गठित होने के दूसरे दिन ही स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण करना आरंभ कर दिया था। टीम को भीष्मपुर, जरमोरा, खरमसेड़ा, किरहाई में लापरवाही भी मिली थी। लेकिन कलेक्टर का तबादला होते ही चारों टीम निष्क्रिय हो गई हैं। केंद्रों का निरीक्षण तो दूर कोई झांकने भी नहीं पहुंच रहा है।

इन स्वास्थ्य अधिकारियों को सौंपा था जिम्मा
दल क्रमांक-एक डॉ एसपी शर्मा डीटीओ, शैलेंद्र सिंह डीपीसी क्षय, विवेक त्रिपाठी डीएस आरकेएसके और नीरज गुप्ता डीएएम शामिल हैं। इन्हें अमरपाटन और रामनगर विकासखण्ड का जिम्मा सौंपा गया था। दल क्रमांक-2 डॉ पीसी नोतवानी डीएमओ, बालमुकुंद सेन, गीता मिश्रा और राघवेंद्र मिश्रा डीसीएम को नागौद और उचेहरा का जिम्मा। दल क्रमांक-3 में डॉ प्रवीण श्रीवास्तव डीएचओ, नृपेश सिंह डीपीएम, उमा वर्मा औरअनीता द्विवेदी को मझगवां कोठी का जिम्मा। दल क्रमांक- 4 में डॉ सत्येंद्र सिंह डीआईओ, अंकित शर्मा आरएमएनसीएच, अजय सिंह वीसीसीएम और मीना द्विवेदी आरबीएसके को मैहर और रामपुर बाघेलान का जिम्मा सौंपा गया था।

यह दिए थे निर्देश प्रत्येक
टीम को सप्ताह में दो भ्रमण करने के निर्देश दिए गए थे। इस दौरान 6 उप स्वास्थ्य केंद्र और 2 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लेना था। निरीक्षण के दौरान केंद्र के अंदर और बाहर की फोटो लेना था। दल द्वारा भ्रमण न करने पर प्रभारी अधिकारी के वेतन से वाहन किराए का भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे। बीएमओ को भी बीईई, बीसीएम, बीपीएम के साथ सप्ताह में दो भ्रमण करने के निर्देश थे।