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इंटेलिजेंस बढ़ाएं, आयोग के निर्देश बाउंडओवर का उल्लंघन करने वालों को होगी जेल

जबलपुर में हुई बैठक में एमसीसी के बाद सतना जिले में हुई सीजर की कार्रवाई...

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सतना

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Sanjana Kumar

Oct 21, 2023

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जबलपुर में हुई बैठक में एमसीसी के बाद सतना जिले में हुई सीजर की कार्रवाई को लेकर प्रशंसा की और अन्य जिलों को भी सीजिंग की कार्रवाई बढ़ाने के निर्देश दिए। रीवा जिले में एक भी एफआइआर नहीं होने पर असंतोष जताया, जबकि इस अवधि में सतना में 43 के लगभग कार्रवाई हो चुकी थी।

बैठक में कहा गया कि पुलिस और राजस्व अधिकारी समन्वय बनाएं। पुलिस से आने वाले प्रकरणों में बाउंडओवर के आदेश तेजी से जारी हों। अभी इसके काफी गैप हैं। बाउंडओवर की कार्रवाई के बाद पुलिस महकमा अपना इंटेलिजेंस बढ़ाए और बाउंडओवर का उल्लंघन करने वालों को जेले भेजें। बैठक में निर्वाचन आयोग के नोडल अधिकारी पुलिस अनुराग सिंह, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश राकेश सिंह मौजूद रहे। सतना से जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा और एसपी आशुतोष गुप्ता शामिल हुए।

निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग के जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों की समीक्षा बैठक ली।

महिला कर्मचारियों की सुविधाओं का रखें ध्यान

बैठक में कहा गया कि चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मियों विशेषकर महिलाओं की तैनाती में सुविधाएं, दूरी को देखकर लगाएं।महिलाओं की ड्यूटी रेंडम आधार पर नहीं मेनुअली लगाएं।

सिंगरौली फिर निशाने पर

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने जब सीजिंग की कार्रवाई की समीक्षा की तो पाया कि सिंगरौली जिले का आंकड़ा 15 करोड़ का है, लेकिन जब इसे देखा तो पाया कि इसमें ज्यादातर रेत जब्ती की कार्रवाई है। इस पर राजन ने कहा कि इस जब्ती के क्या मायने? यह चुनाव से जुड़ी कोई कार्रवाई नहीं है। चुनाव प्रभावित करने वाले मामलों पर फोकस करें। उमरिया जिले में गांजे की जब्ती पर सवाल जवाब में यह पता चला कि गांजे कुछ पौधों की जब्ती की गई है। इस पर राजन ने चुटकी ली और कहा कि एक- दो गांजा के पौधे पकड़ लिए, यह कोई कार्रवाई नहीं है। छिटपुट कार्रवाई की जगह बड़ी कार्रवाईयों पर फोकस करने कहा।

वेंडर नहीं दे पा रहा ईपिक

शहडोल कलेक्टर ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान जोड़े गए नामों के इपिक नहीं आने की जानकारी दी। इस पर पाया गया कि सतना सहित अन्य जिलों में भी कुछ इसी तरह की स्थितियां है। वेण्डर स्तर पर इपिक जारी करने में काफी विलंब हो रहा है। ऐसे में इसके वितरण की समस्या पर भी फोकस करते हुए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि इपिक के अलावा अन्य पहचान पत्र जिनके जरिये मतदान की पात्रता है उसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए।

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