31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Satna: सतना के 8 नर्सिंग कॉलेज का होगा भौतिक सत्यापन

टीचिंग एरिया से लेकर लैब तक का होगा परीक्षण नवीनीकरण से पहले कलेक्टर को दी गई जिम्मेदारी

2 min read
Google source verification
Satna: सतना के 8 नर्सिंग कॉलेज का होगा भौतिक सत्यापन

Satna: 8 Nursing Colleges of Satna will have physical verification

सतना. नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े को देखते हुए इस बार निजी नर्सिंग संस्थाओं की मान्यता नवीनीकरण के पहले चिकित्सा शिक्षा विभाग उनका भौतिक सत्यापन कराने जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी कलेक्टर को दी गई है। इसमें यह देखा जाएगा कि दस्तावेजों में नर्सिंग संस्थाओं ने जहां अपनी स्थापना बताई है वहीं वह स्थापित है या नहीं? इसके अलावा कॉलेजों के भौतिक निरीक्षण में यह भी देखा जाएगा कि कॉलेजों में मापदंड के अनुसार टीचिंग एरिया और लैब आदि है या नहीं? यह निरीक्षण 31 अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

एसीएस चिकित्सा शिक्षा ने दिए निर्देश

एसीएस चिकित्सा शिक्षा ने बताया है कि निजी नर्सिंग संस्थाओं के चालू शैक्षणिक सत्र की मान्यता नवीनीकरण की ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। जिसके तहत इन संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार संस्था का भौतिक निरीक्षण कर सत्यापन किया जाना है। यह जिम्मेदारी कलेक्टर को दी गई है। उन्हें बताया गया है कि पूर्व में पाया गया है कि संस्थाओं द्वारा छद्म दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते हैं एवं नर्सिंग कॉलेज सामान्यत: किसी अन्य क्षेत्र अथवा दूरस्थ इलाकों में स्थापित पाए जाते हैं। इनके द्वारा उपलब्ध कराए गए पते पर निरीक्षण दल को ढूढ़ने एवं पहुंचने में कठिनाई होती है। इसलिये इस बार निरीक्षण दल में एसडीएम को भी शामिल किया गया है। ताकि इस तरह की गड़बड़ी को पकड़ा जा सके और अगर गलत स्थल दस्तावेजों में दिखाया गया है तो वह मामला सामने आ सके।

जिले की 8 संस्थाओं का होगा भौतिक सत्यापन

मध्यप्रदेश में 25 शासकीय और 550 नर्सिंग संस्थाएं है। इसमें से सतना जिले में एक शासकीय और 8 निजी नर्सिंग संस्थाएं हैं। इन 8 निजी संस्थाओं का कलेक्टर द्वारा गठित दल भौतिक सत्यापन करेगा।

यह देखा जाएगा सत्यापन में

सत्यापन के दौरान संस्थाओं की अधोसंरचना के साथ संस्था के टीचिंग स्टाफ की जानकारी ली जाएगी कि मापदण्ड के अनुसार इनकी पदस्थापना है या नहीं? जो स्टाफ पदस्थ किया गया है उनकी योग्यता मापदंड के अनुसार है या नहीं? इसके अलावा एक्सटर्नल टीचर्स की जानकारी भी संस्था से ली जाएगी और इसका सत्यापन किया जाएगा कि जो जानकारी दी गई है वह सही है या नहीं? अगर छात्रावास है तो उसके स्टाफ का संख्यावार मापदंड अनुसार सत्यापन होगा। इसके बाद यह देखा जाएगा कि संस्था का टीचिंग ब्लॉक तय क्षेत्रफल के अनुसार बना है या नहीं। यहां मापदण्ड के अनुसार ऑडिटोरियम है या नहीं? इनमें बैठक क्षमता, सीसीटीवी, फर्नीचर आदि सुविधाओं का भौतिक सत्यापन होगा। संस्था में लैब है कि नहीं, कितने बेड है, कितने उपकरण है? सेमुलेटर आदि हैं या नहीं और मापदण्ड अनुसार है या नहीं? लाइब्रेरी की स्थिति भी देखी जाएगी। इनका सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। संस्था की परिवहन व्यवस्था की जानकारी भी ली जाएगी।

अभी तक एक भी निरीक्षण नहीं हुआ

एसीएस ने इस बात को भी आपत्तिजनक माना है कि निरीक्षण समय सीमा में होना है, लेकिन अभी तक किसी भी जिले ने एक भी निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।