पन्ना जिले के जिगदहा (देवेंद्र नगर) गांव निवासी के हाथ में फ्रैक्चर था। उसे लेकर परिजन भरहुत नगर स्थित नाहर नर्सिंग होम पहुंचे। वहां उन्होंने शुक्रवार सुबह 11 बजे डॉ. मुकेश त्रिपाठी को दिखाया। चिकित्सक ने ऑपरेशन करने का परामर्श दिया। परिजनों के सहमति जताने के बाद डॉ. मुकेश त्रिपाठी ने शुक्रवार रात 8 बजे ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन जब चार घंटे बाद भी पीडि़त ऑपरेशन थियेटर से बाहर नहीं आया तो परिजन घबराने लगे। चिकित्सकों से पूछताछ शुरू की। परिजनों ने आरोप लगाया, नर्सिंग होम प्रबंधन ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी।
चिकित्सक कह रहे थे कि सबकुछ ठीक है। देररात बताया गया कि हालत गंभीर है। दूसरे दिन रीवा से एएलएक्स (एडवांस लाइफ सपोर्ट सिंस्टम) एम्बुलेंस बुलाकर उन्हें जबलपुर रेफर कर दिया गया। लेकिन, पीडि़त ने मैहर पहुंचने के पहले ही दम तोड़ दिया। इसके बाद गुस्साए परिजन शव लेकर नर्सिंग होम पहुंच गए। चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा हंगामा करने लगे। सूचना पाकर कोलगवां पुलिस मौके पर पहुंची। जिसने गुस्साए परिजनों का समझाया।
मौत से गुस्साए परिजनों ने नर्सिंग होम प्रबंधन पर जानकारी छिपाने और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। पुलिस में भी मामले की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने शव को जिला अस्पताल मर्चुरी में रखवाया। रविवार सुबह जिला अस्पताल के चिकित्सकों की टीम पीडि़त का पोस्टमार्टम करेगी।
पीडि़त का इलाज करने वाले डॉ. मुकेश त्रिपाठी ने बताया कि इलाज में लापरवाही नहीं की गई। सर्जरी के बाद हाथ में प्लेट डाली जा चुकी थी। टांके लगाए जा रहे थे, इसी दौरान अचानक काम्लीकेशन हुआ और पल्स और बीपी डाउन हो गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉ. राजेंद्र नायक, डॉ. राजेश जैन को बुलाया गया। उनकी निगरानी में इलाज किया गया। सुधार नहीं होने पर दूसरे दिन परिजनों के कहने पर जबलपुर के लिए रेफर कर दिया गया।