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MP में एयरपोर्ट की 2000 करोड़ की जमीन बिक्री में फर्जीवाड़ा, 70 लोगों को नोटिस

MP News: सबसे बड़े जमीन घोटाले पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई। हवाई अड्डे की सरकारी जमीन को निजी नामों में करने वाले फर्जीवाड़े का खुलासा।

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सतना

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Akash Dewani

Nov 05, 2025

satna airport land scam government notice fake land owners mp news

notice to land owners in satna airport land scam case (photo- सोशल मीडिया)

Satna Airport Land Scam: मध्य प्रदेश के सतना हवाई अड्डे की 522 एकड़ जमीन की आवश्यकता नहीं होने पर मूल भूमि स्वामियों को जमीन वापस करने के नाम पर सतना शहर में हुए अब तक के सबसे बड़े जमीन फर्जीवाड़े पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। बिना वैधानिक आदेशों और बिना सक्षम अधिकारियों के आदेश पर लगभग 2000 करोड़ रुपए की जमीन को निजी कर दिया गया था, उन्हें चरणबद्ध तरीके से वापस सरकारी किया जाएगा।

इसके लिए एसडीएम सिटी राहुल सिलाडिया ने 70 भूमि स्वामियों को नोटिस जारी किया है। इसके जरिए शुरुआती चरण में 20 एकड़ जमीन शासकीय की जाएगी। इसके बाद कमशः अन्य जमीनें भी सरकारी की जाएंगी। उल्लेखनीय है इस मामले का खुलासा पत्रिका ने प्रमुखता से किया था। (MP News)

इन जमीनों के नंबर होंगे सरकारी

फर्जी तरीके से निजी की गई हवाई अड्डे की उन जमीनों को पहले सरकारी किया जाना है जो हवाई अड्डा विस्तार के मास्टर प्लान एरिया में आ रही हैं। यह जमीनें पटवारी हल्का उतैली और कोलगवां में हैं। 20 एकड़ की ये जमीन शासकीय होने के बाद हवाई पट्टी का विस्तार हो सकेगा। जिन आराजियों को निजी किया जाना है उसमें उतैली सहित कोलगवां की जमीन के 70 खातेदारों को नोटिस दिए हैं।

एयरपोर्ट डायरेक्टर को भी नोटिस

एसडीएम सिटी ने एयरपोर्ट डायरेक्टर सतना को भी नोटिस जारी किया है। कहा है कि क्या एयर पोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया या नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा इन जमीनों को निजी व्यक्ति या संस्था को लौटाए जाने के आदेश या अधिसूचना जारी की गई थी। यदि जारी थी तो उसकी प्रति प्रस्तुत करने कहा गया है और अगर ऐसा कुछ नहीं हुआ था तो विभागीय अभिमत प्रस्तुत करने कहा गया है। इस संबंध में मुयालय और क्षेत्रीय कार्यालय से भी जानकारी प्राप्त करने कहा गया है।

यह दी गई भूमि स्वामियों को नोटिस

एसडीएम सिटी ने एमपीएलआरसी के तहत जारी नोटिस में कहा है कि इन जमीनों का भू-अर्जन एयरपोर्ट के लिए किया था। जिसके बाद यह जमीनें भारत संघ के नाम हो गई थीं। राजस्व अभिलेखों की जांच से पाया गया कि बिना किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश, अधिसूचना या केंद्र सरकार की स्वीकृति के ये जमीनें निजी व्यक्तियों के नाम पर दर्ज हैं। इस प्रविष्टि का आधार न तो किसी विधिक आदेश से स्पष्ट है और न ही उसके समर्थन में कोई राजपत्र अथवा प्राधिकारीकृत निर्णय उपलब्ध है। इस प्रकार यह प्रविष्टि प्रथम दृष्टया विधि-विरुद्ध प्रतीत होती है।

इन अधिकारियों को नोटिस

एसडीएम ने प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख शाखा, प्रभारी अधिकारी भू-अर्जन शाखा से दस्तावेज मांगे हैं। संचालक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से मास्टर प्लान तलब किया है। (MP News)