
satna: amazing election data... the project officer became the peon then showed woman to man
सतना. इस समय चुनाव ड्यूटी के लिये मतदान दल गठन का काम तेजी से चल रहा है। लेकिन मतदान दल गठित होने के बाद जब अधिकारियों-कर्मचारियों के पास ड्यूटी आदेश पहुंच रहे हैं तो उन्हें देख कर उनके होश फाख्ता हो रहे हैं। हालात यह है कि कहीं महिला को पुरुष बताते हुए उनकी ड्यूटी लगा दी गई है तो कई शासकीय सेवकों की दो स्थानों पर ड्यूटी लगा दी गई है। इसी तरह किसी के बैंक खाते गलत है तो किसी का पद गलत है। ऐसे में जिला निर्वाचन कार्यालय की कार्मिक शाखा को लगातार कर्मचारियों की ड्यूटी में संशोधन करना पड़ रहा है। वहीं विवाद की स्थिति बनने पर लोग शिकायत लेकर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी तक पहुंच रहे हैं।
आयोग ने डाटा फीड करने तैयार किया साफ्टवेयर
मतदान दल गठन के लिए इस बार अधिकारियों कर्मचारियों का डाटा संबंधित संस्थाओं से ही फीड कराया गया था। राज्य निर्वाचन आयोग की मंशा थी कि एक स्थान पर कर्मचारियों का डाटा फीड न करके संबंधित संस्था से ही फीडिंग कराई जाएगी तो डाटा पूरी तरह से सही होगा। इसके लिये आयोग ने सीईएमएस नामक साफ्टवेयर तैयार किया। इसमें डाटा फीडिंग के लिये ऑपरेटर लॉगिन और सुधार और फ्रीज करने के लिये डिपार्टमेंटल आईडी तैयार की गई। इसके बाद भी संस्था स्तर से डाटा में भारी गड़बड़ी देखने को मिल रही है।
पीओ को दिखा दिया भृत्य
जिस तरीके की गड़बड़ी डाटा में सामने आ रही है उसमें तो कई गड़बड़ियां हास्यास्पद भी हैं और कई गंभीर किस्म की हैं। मसलन महिला बाल विकास विभाग के नागौद कार्यालय की जानकारी में परियोजना अधिकारी को भृत्य बता दिया था। इसी तरह से एक विद्यालय के अध्यापक को प्राध्यापक लिख दिया गया था। अंजना, सत्या, दलेश, ललेश जैसी महिलाओं के नाम के आगे पुरुष लिख दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने तो हद ही पार कर दी डेढ़ दर्जन के लगभग कर्मचारियों के नाम दो बार इंट्री कर दिये। नतीजा यह हुआ कि यहां के कर्मचारियों की दो-दो स्थानों पर ड्यूटी लग गई। स्कूल शिक्षा विभाग में तो सबसे ज्यादा गड़बड़झाला हुआ है। यहां विद्यालय के प्राचार्यों ने कर्मचारियों के बैंक खाता नंबर, पद नाम, मोबाइल नंबर आदि जानकारियां ही गलत भर दी है। इस वजहों से अब मतदान दलों के ड्यूटी आदेश में कार्मिक शाखा को काफी सुधार करना पड़ रहा है।
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों का डाटा गड़बड़ होने पर कर्मचारी संगठन ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें बताया गया है कि गलत डाटा फीड होने के कारण चुनाव मानदेय का भुगतान नहीं हो पाएगा। बताया गया है कि इसी वजह से अभी तक रैगांव उपचुनाव का मानदेय नहीं मिल सका है। इस संबंध में उमावि घूरडांग का उदाहरण भी दिया गया है।
'' मामला संज्ञान में आया है। इस संबंध में जांच कराई जाएगी। इसके बाद संबंधितों पर कार्यवाही भी होगी। हालांकि अभी प्राथमिकता डाटा बेस सुधार कर मतदान दल को व्यवस्थित करना है। '' - अनुराग वर्मा, जिला निर्वाचन अधिकारी
Published on:
22 Jun 2022 01:08 pm
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