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हत्यारों को बस्ती में घुमाते रहे जेलर, चुप्पी साधे रहे अधिकारी

- डीजी जेल ने कहा, कार्रवाई में विलंब हो सकता है, लेकिन जिम्मेदारी तय होगी

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Calling facility introduced in District Jail

सतना. केंद्रीय जेल सतना के 5 कैदियों को जेलर बद्री विशाल शुक्ला के नईबस्ती स्थिति निज निवास पर सामान सहित भेजने का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। जेल की सुरक्षा व नियमों के विपरित जेलर ने कदम उठाया। वहीं सब कुछ जानते हुए भी जेल अधीक्षक एनपी सिंह लंबे समय तक चुप्पी साधे रहे। यानी सीधे तौर पर केंद्रीय जेल के दो वरिष्ठ अधिकारी जेल नियमों को तोडऩे के साथ-साथ जेल सुरक्षा व आम व्यक्ति की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर डाले। बताया जाता है कि जिन कैदियों को जेलर के निवास पर रहवासी क्षेत्र में भेजा गया, वे पांचों अलग-अलग हत्याओं के मामले में सजा काट रहे हैं। एक कैदी पर तीन हत्या का मामला है, जिसे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सूखी सजा दी है। उसे एक दिन भी माफ नहीं किया जा सकता। इन कैदियों को कोर्ट भी हत्यारा मानते हुए जेल की सजा दे चुकी है। यानी सीधे तौर पर कहें तो वे सभी कैदी शातिर अपराधी व हत्यारे थे। जिन्हें जेलर ने निजी लाभ के लिए एक जेलकर्मी के भरोसे रहवासी क्षेत्र में स्वच्छंद छोड़ दिया। ऐसे में कोई वारदात हो जाती, तो जिम्मेदार कौन होता, सबसे बड़ा सवाल है। स्थानीय जेल प्रबंधन अब अपनी मनमानी को दबाने में लगा है। वहीं गंभीर लापरवाही सामने आने के बाद डीआइजी जीपी ताम्रकार व डीजी संजय चौधरी भी चुप्पी साधे हैं। जांच होने के नाम पर कार्रवाई में अनावश्यक विलंब किया जा रहा है, जबकि जेल नियमों के तहत ही इन कर्मचारियों के ट्रांसफर, निलंबन, बर्खास्तगी व अटैचमेंट जैसी कार्रवाई हो जानी चाहिए थी जो जेल विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बना है।
जेल परिसर के बाहर नहीं जा सकते

कोर्ट भेजने के अलावा कैदियों को किसी भी स्थिति में जेल परिसर के बाहर नहीं भेजा जा सकता। कोर्ट भी जब कैदी भेजे जाते हैं, तो एक कैदी पर चार से पांच पुलिस विभाग के सिपाही की ड्यूटी लगाई जाती है। वहीं जेल परिसर में काम करने के लिए कैदियों को बाहर निकाला जाता है तो भी तीन कैदी पर एक जेलकर्मी की निगरानी दी जाती है। वहीं जेल परिसर में अलग-अलग क्षेत्र में जेलकर्मी अलग से तैनात रहते हैं। जेलर ने रहवासी क्षेत्र में एक सिपाही के भरोसे पांच कैदियों को भेज दिया।

सिपाही को भी डाला खतरे में
जिस सिपाही को पांच कैदियों के साथ भेजा गया था। जेल प्रबंधन ने उसके जीवन को भी खतरे में डाल दिया था। पांच कैदियों के हाथ-पांव खुले हुए थे। वे सिपाही के ऊपर हमला कर मौके से फरार भी हो सकते थे। ऐसे कई तथ्य हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जरूरत भी है।

जेल के कारनामे

- 7 मई को कैदी रामकेश यादव ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।
- 1 जून को कैदी अनिल कुशवाहा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।

- बिना कोर्ट अनुमति कैदी जितेंद्र नागर को दो दिन के लिए छोड़ दिया गया।
- कैदी ने एक दूसरे पर जानलेवा हमला किया।

- हर वारदात के समय जेलर बद्री विशाल शुक्ला अवकाश पर रहे।
- अब जेलर के निज निवास पर कैदियों को सामान सहित भेजा गया।

सतना केंद्रीय जेल में गंभीर लापरवाही है। कार्रवाई में विलंब हो सकता है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई जरूर होगी।

संजय चौधरी, डीजी जेल, भोपाल।