
satna: cyber attack on DEO satna tender, date changed
सतना. भारत सरकार ने सरकारी खरीदी प्रक्रिया को सहज और पारदर्शी बनाने के लिये ई-कॉमर्स प्लेटफार्म 'जेम पोर्टल' बनाया है। इस पोर्टल के जरिये ज्यादातर सरकारी विभाग भण्डार एवं क्रय नियमों के तहत टेंडर के माध्यम से खरीदी करते हैं। जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय से लैपटॉप-नोटबुक खरीदी के लिए जेम पोर्टल पर टेंडर जारी किया गया था। लेकिन इसमें किसी ने बिना डीईओ की जानकारी के इस टेंडर की तिथियों में परिवर्तन कर दिया है। सतना जिले में जेम पोर्टल में इस तरह का साइबर अपराध का यह अपनी तरह का पहला मामला है।
9 दिन बढ़ा दी तारीख
जिला शिक्षाधिकारी एसएन पाण्डेय ने बताया कि जेम पोर्टल पर लैपटॉप नोटबुक क्रय करने के लिये 10 मार्च को एक निविदा जिसका क्रमांक GEM/2022/B/2028154 अपलोड की गई थी। इस टेंडर को 21 मार्च को खोला जाना था। लेकिन जब 21 मार्च को इसे देखा गया तो पता चला कि इसकी तिथि किसी ने 9 दिन बढ़ा कर 30 मार्च कर दी है। डीईओ का कहना है कि जेम पोर्टल का आईडी-पासवर्ड भण्डार प्रभारी सुखलाल प्रजापति के पास है। उन्होंने इस तरह के परिवर्तन की जानकारी से इंकार किया है और किसी अन्य को पासवर्ड न देने की जानकारी दी है। ऐसे में यह तय हो गया है कि किसी अनाधिकृत व्यक्ति ने बिड से छेड़छाड़ करते हुए इस निविदा की तारीख 9 दिन आगे बढ़ा दी है।
जेम एचओडी को लिखा पत्र
इन तरह से सरकारी टेंडर में छेड़छाड़ की जानकारी सामने आने के बाद हड़कम्प मच गया है। डीईओ ने इसकी जानकारी संचालनालय के अधिकारियों को देने के साथ ही गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस (जेम) के हेड ऑफ डिपार्टमेंट को पत्र लिखकर अवगत कराया है साथ ही किस आईपी एड्रेस से यह काम किया गया है उसकी भी जानकारी चाही है। इसके अलावा बिड की ओपनिंग डेट 23 मार्च करने का अनुरोध भी किया है।
पहले भी विवादों में रही है यह खरीदी
लैपटॉप नोटबुक की खरीदी पहले भी विवादों में रह चुकी है। पूर्व में चिन्हित संस्था को इसका आर्डर देने के लिये संबंधित प्राचार्यों को डीईओ कार्यालय से फिक्स कोटेशन भेजे गये थे। जिसका खुलासा 'पत्रिका' में होने के बाद इन कोटेशनों के आधार पर आर्डर न देने के आदेश डीईओ द्वारा जारी किये गये थे।
नहीं दर्ज कराई एफआईआर
शासकीय निविदा में छेड़छाड़ अपने आप में गंभीर अपराध है लेकिन डीईओ ने इस संबंध में अब तक किसी भी प्रकार की एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शिकायत पुलिस अधीक्षक को मेल के माध्यम से भेज दी गई है।
'' यह काफी गंभीर मामला है। इसमें डीईओ को एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। अभी तक एफआईआर का आवेदन हमें नहीं मिला है। वे संबंधित थाना क्षेत्र में जाएं उनकी एफआईआर दर्ज की जाएगी।''
- धर्मवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक
Published on:
23 Mar 2022 10:37 am
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