Mahakal Prasad महाकाल का चमत्कारिक प्रसाद- अब और बेहतर बनेंगे लड्डू हर किसी को क्षुब्ध कर देनेवाला यह घटनाक्रम जिले की कोटर तहसील के बिहरा डोंगरी गांव का है। यहां 70% आबादी आदिवासियों की है जिनके नाम पर आज भी अरबों की योजनाएं चल रही हैं। रविवार को सुबह गांव की 25 साल की नीलम को प्रसव पीड़ा प्रारंभ हो गई थी। वे दर्द से कराह उठीं लेकिन रास्ता खराब होने से एंबुलेंस घर तक नहीं पहुंच सकी।
परिजनों ने 108 एंबुलेंस को कॉल कर बुला लिया था पर सड़क पर काफी कीचड़ होने से एंबुलेंस गांव के बाहर ही खड़ी रही। कोटर अस्पताल के डॉ. सर्वेश सिंह के मुताबिक महिला को लेबर पेन होने की जानकारी मिलने पर एंबुलेंस तुरंत रवाना कर दी गई थी। सुबह करीब साढ़े 7 बजे एंबुलेंस को रवाना किया था पर गांव की सड़क पर काफी कीचड़ था। एंबुलेंस कीचड़ में फंस जाती, इसलिए मेन रोड पर ही खड़ी करनी पड़ी।
Atal Bihari Vajpayee जब दोस्त के घर जाने के लिए अटलजी ने तोड़ दिया पीएम का प्रोटोकॉल कोख में पल रहे बच्चे का बोझ लिए प्रसूता पैदल चलने लगी तो पीड़ा बढ़ गई। असहनीय दर्द होने लगा और अंतत: उन्होंने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया। चारों ओर पसरी कीचड़ के बीच यह डिलीवरी हुई। हालांकि ईश्वर मेहरबान था कि बच्चे को कुछ नहीं हुआ। बच्चा और प्रसूता दोनों स्वस्थ हैं और डिलीवरी के बाद दोनों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।