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satna: भीड़ भरे शहर को रौंदने 165 ट्रकों को नो-इंट्री से छूट

ठेकेदारों के हित के लिए जनहित रख दिए ताक पर दूसरे जिलों में जा रही खाद, परेशान हो रही सतना की जनता हर तीसरे मिनट में एक भारी वाहन को शहर में घुसने की अनुमति    

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satna: भीड़ भरे शहर को रौंदने 165 ट्रकों को नो-इंट्री से छूट

satna: no-entry exempted 165 trucks to trample crowded city

सतना. शहर में तीन महीनें में 56 लोगों की मौत के बाद तत्कालीन कलेक्टर केके खरे ने शहरवासियों को नो-इंट्री की सौगात दी थी। हर दिन हादसे और मौत देख रहे शहर वासियों ने इसे बड़ी राहत माना था। इसके बाद 2016 तक इसका सख्ती से पालन होता रहा। अत्यावश्यक वाहनों को भी दिन में शहर में प्रवेश नहीं मिल पाता था। लेकिन बाद के कलेक्टरों ने इस राहत में कुछ छूट देने का प्रावधान बनाया और कुछ चिन्हित घंटो के लिये पुलिस की निगरानी में भारी वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी जाने लगी। आज स्थिति यह है कि सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक लगातार 165 वाहनों को नो-इंट्री से छूट देते हुए शहर में प्रवेश की इजाजत दे दी गई है। जबकि आज के समय में दिन में शहर भारी यातायात दबाव से जूझ रहा है। वाहन संख्या के हिसाब से अगर देखें तो जिला प्रशासन ने हर तीन मिनट में एक भारी वाहन को शहर के अंदर घुसने की छूट दे दी है। नतीजा अब यह हो रहा है कि पूरा शहर इन वाहनों की वजह से जाम की समस्या से जूझ रहा है और अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।

इस तरह दे रहे वाहनों को छूट

अत्यावश्यक सेवा के नाम पर शहर में नो-इंट्री के दौरान भारी वाहनों के प्रवेश को छूट दी जा रही है। इसमें कलेक्टर की ओर से अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर द्वारा नो-इंट्री में छूट के आदेश जारी किए जाते हैं। इसके पहले यातायात पुलिस से एनओसी ली जाती है। वर्तमान स्थिति में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिये 77 वाहनों को और खाद परिवहन के लिये 88 वाहनों को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक के लिये छूट दी गई है।

IMAGE CREDIT: patrika

थम गया पुलिस का फ्लैग मार्च

सोमवार को सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर सिटी कोतवाली परिसर में पुलिस कर्मियों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई गई। इसके बाद पुलिस बल शहर में पैदल फ्लैग मार्च करते हुए रवाना हुआ। लेकिन स्टेशन रोड में इन्ही छूट प्राप्त भारी वाहनों की वजह से बनी जाम की स्थिति के कारण फ्लैग मार्च थम गया। यहां फिर पुलिस कर्मियों ने फ्लैग मार्च छोड़ जाम हटवाने में जुट गए। इस दौरान यहां आधे घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही। यह समस्या इस आए दिन हो रही है।

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हादसों को निमंत्रण

पहले भी जब छूट दी जाती रही है उस वक्त बच्चों के स्कूल जाने और स्कूलों की छुट्टी के वक्त नो-इंट्री में भारी वाहनों के प्रवेश के अनुमति नहीं थी। लेकिन अब इस समय को भी अनदेखा करते हुए छूट जारी कर दी गई है। इसको लेकर अब आक्रोश की स्थिति बनने लगी है।

समय का नहीं हो रहा पालन

विगत कई दिनों से देखने में आ रहा है कि भारी वाहन तय छूट की समय सीमा के बाहर भी शहर में बेखौफ दौड़ रहे हैं। जबकि शाम को 5 बजे के बाद शहर में वैसे भी यातायात दबाव दिन की अपेक्षा काफी हो जाता है। विगत दिवस शाम को 7 बजे ये वाहन भारी वाहनो की वजह से स्टेशन रोड में डेढ़ घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही।

छूट के नाम पर परिवहन का खेल

इस मामले में पतेरी निवासी रावेन्द्र सिंह ने कहा कि जितने वाहनों को छूट दी गई है उतने वाहन न तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली का खाद्यान्न ढोते हैं और न ही खाद। अगर ऐसा हो रहा होता तो जिले की राशन दुकानों में समय पर खाद्यान्न पहुंचने लगता। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।

पूर्व की तरह रात को मिले अनुमति

भाजपा जिलाध्यक्ष नारेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि सतना बाजार में दिन ब दिन भीड़ बढ़ रही है। शहर में वाहनों की संख्या पहले की तुलना में तीन गुना हो चुकी है। ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर अनुमति देना कतई उचित नहीं है। पूर्व की तरह प्रशासन को रात में ढुलाई की अनुमति देनी चाहिए। ऐसे में किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।

दिन की अनुमति बंद हो

कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने कहा कि जिले की किसी भी राशन दुकान में समय पर राशन नहीं पहुंचता है और इसके नाम पर 77 अनुमतियां दिन को शहर में फर्राटा भरने को दी जाना उचित नहीं है। प्रशासन इस छूट को बंद करे। देखने में आता है कि इस अनुमति की आड़ में तमाम अन्य परिवहन किए जा रहे हैं। काफी अरसे से लोग कोशिश कर रहे थे अब जाकर छूट पाने में सफल हुए हैं नतीजा पूरे शहर की जनता भोग रही है।