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सतना

satna: निगम के सफाईकर्मी सौरव बने ननि के पार्षद

कांग्रेस प्रत्याशी सौरव मलिक ने भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र दाहिया को 709 वोट से हराया

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सतना। अब तक नगर निगम में सफाई कर्मी रहे सौरव आज से नगर निगम के पार्षद बन गए हैं। सौरव मलिक वार्ड क्रमांक 43 से हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र दाहिया को 709 वोट से पराजित किया। इस जीत के साथ सौरव ने अपने पिता की विरासत को संभाले रखने में कामयाब रहे। सौरव के पिता उमेश मलिक इस वार्ड से इसी आम चुनाव में पार्षद निर्वाचित हुए थे। लेकिन कैंसर की बीमारी की वजह से उनका निधन होने पर यह सीट रिक्त रह गई थी। इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी थी और किसी भी स्थिति में यहां अपना कब्जा जमाना चाह रही थी। लेकिन जनता ने भाजपा को यहां से नकार दिया। इस परिणाम को आगामी 2023 विधानसभा चुनाव का एक रुझान सतना विधानसभा के लिए माना जा रहा है।

नगर निगम सतना के वार्ड क्रमांक 43 की रिक्त हुई सीट पर हुए उपचुनाव में शुक्रवार को कांग्रेस प्रत्याशी सौरव उमेश मलिक (गोल्डी) ने भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र दाहिया को 709 मतों के बड़े अंतर से हरा दिया है। इस चुनाव में कुल 2124 वोट डाले गए थे। जिसमें से सौरव को 1275 वोट मिले। वहीं भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र दाहिया को 566 वोट से संतुष्ट होना पड़ा। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सौरव प्रमाण पत्र देते हुए निर्वाचित घोषित किया। उल्लेखनीय है आम चुनाव में यह सीट सौरव के पिता उमेश मलिक ने जीती थी। उन्होंने भी तब राजेन्द्र दाहिया को 66 मतों से हराया था।

प्रत्याशीवार मत

भैयालाल चौधरी को 219 मत, राजेन्द्र दाहिया भाजपा को 566 मत, सौरव उमेश मलिक कांग्रेस को 1275 मत, हिन्छलाल सूर्यवंशी को 18 मत, रामजी को 35 मत, नोटा को 11 मत मिले।

भाजपा की रणनीति पर भारी पड़ी कांग्रेस

नगर निगम सतना में यूं तो भाजपा के महापौर है और यह सीट भाजपा किसी भी स्थिति कांग्रेस से छीन कर अपनी झोली में डालना चाह रही थी। लेकिन चुनावी रणनीतिकारों की चूक ने कांग्रेस को विजयश्री दिलाने में सफलता की राह आसान कर दी। सबसे पहले तो भाजपा टिकट चयन को लेकर ही एक मत नहीं थी। टिकट वितरण के लिए बैठी कमेटी ने दो नाम तय किए थे जिसमें पराग और राजेन्द्र में से एक को चुनना था। चयन तिथि को अंतिम निर्णय नहीं होने पर यह तय किया गया कि अगले दिन इस पर निर्णय लिया जाएगा। लेकिन इस संबंध कोई अन्य चर्चा न करते हुए सीधे टिकट राजेन्द्र दाहिया को दे दी गई। जबकि महापौर सहित अन्य सदस्य पराग पर दाव लगाना चाह रहे थे तो राजेन्द्र सांसद की पसंद रहे। इसी तरह जब चुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए तो इसमें भाजपा के सभी मोर्चा प्रकोष्ठों ने इतने प्रभारी बना दिए कि चुनाव प्रचार से ज्यदा प्रभारियों के स्वयं के प्रचार का माहोल नजर आने लगा। यहां कांग्रेस के शहर अध्यक्ष मकसूद अहमद और विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी और संगठन एक साथ खड़ा नजर आया। लेकिन भाजपा की ओर संगठन प्रमुख अपेक्षित सक्रियता नहीं दिखा सके। यहां संगठन भी बिखरा बिखरा नजर आया।

कोटर में भाजपा को मिली विजय श्री

कोटर नगर परिषद की वार्ड क्रमांक 11 की सीट यहां की पार्षद के सरकारी नौकरी में जाने के बाद दिये गए इस्तीफे से खाली हुई थी। यहां हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दीपा सुरेश प्रत्याशी ने कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रकली भइयालाल शुक्ला को 38 मतों से हराया। दीपा को 142 व इंद्रकली को 104 वोट मिले। रानी नामदेव को 7 मत और नोटा को 1 वोट मिला।