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झूठी निकली वन विभाग कहानी, खुले दरवाजे से गए थे बाघ शिकारी

- वन विभाग की कहानी को दोहराने में लगी पुलिस- लेकिन, भागे शिकारी व अधिनस्थ कर्मचारी खोल रहे पोल

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satna - Tiger's death case in Sarbanga

satna - Tiger's death case in Sarbanga

सतना. रोशनदान तोड़कर बाघ के तीन शिकारियों के भागने की वन विभाग की कहानी झूठी व तथ्यों से परे हैं। बल्कि हकीकत ये है कि रेस्ट हाउस के खुले दरवाजे से शिकारी गए थे। जो एक बड़ी लापरवाही थी, जिसे छुपाने के लिए घटना के बाद कहानी रच दी गई। इस हकीकत को शिकारी, उनके परिजन व विभाग के छोटे कर्मचारी दबी जुबान में स्वीकारते हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस वन विभाग की कहानी को दोहराने में लगी हुई कि रोशनदान के सहारे शिकारी भागे थे। हालांकि, इसके लिए परिस्थितियों व तथ्यों को जोडऩा इतना आसान नहीं है। लेकिन, अधिकारियों की गर्दन बचाने के लिए पूरा खेल जारी है। हालांकि, शिकारियों के कोर्ट में दिए गए बयान मायने रखेंगे, जहां पुलिस व वन विभाग को तथ्य जोडऩा मुश्किल होगा।

बताया जाता है कि गत 15 मई की रात करीब 11 बजे तक वन विभाग के अधिकारियों ने पकड़े गए तीन शिकारी राजेश मावासी, रज्जन कोल व ज्वाला सतनामी से पूछताछ की थी। उसके बाद निगरानी ड्यूटी में तैनात पांच कर्मचारियों के हवाले शिकारियों को छोड़कर चले गए। हालांकि जाने से पहले अपने सामने ही रेस्ट हाउस के कमरे में शिकारियों को बंद कर के ताला लगाया गया था। रात करीब 2-3 के बीच एक कर्मचारी यूरीन करने के लिए बाथरूम गया। ये बाथरूम संबंधित कमरें में ही था, जिसमें शिकारी बंद थे। इस बीच बाथरूम का उपयोग कर के कर्मचारी वापस लौट गया। लेकिन, इस दौरान दरवाजा बंद करना भूल गया। हवा के झोंके से दरवाजे एक दूसरे से टकरा रहे थे। जिसे देख शिकारी समझ गए कि दरवाजा खुला हुआ है। उसके बाद शिकारी दरवाजे खोले, तो देखा कि गैलरी और आस-पास कोई नहीं है। उसके बाद वे पीछे के रास्ते से गायब हो गए।

स्टेशन के रास्ते पहुंचे जंगल

रेस्ट हाउस से निकलने के बाद शिकारी मझगवां स्टेशन रोड पकड़े। उसके माध्यम से ही वे कररिया के जंगल पहुंच गए। जहां वे छुपकर रह रहे थे। शिकारियों की माने, तो पुलिस व वन विभाग के दबाव की जानकारी उनके पास पहुंच गई थी। अखबार के माध्यम से भी स्थिति पर नजर रखे हुए थे। वे पुलिस व वन विभाग के लगातार छापेमारी से बचने के लिए जंगल में ही छुपे रहे।

अजनबी ने दिया खाना
बताया जाता है कि जब वे कररिया के जंगल में छुपकर रहे थे। पहले दिन दो अजनबी मिले। उन्होने उनसे खाना मांगा, उनके पास खाना था। लिहाजा खाना उपलब्ध करा दिया। उसके बाद से वे खाना भी नहीं खाए थे।

रात के अंधेरे में भागा तीसरा आरोपी

तीनों आरोपी साथ में जंगल में छुपे हुए थे। लेकिन, शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात जब मझगवां पुलिस ने दबिश दी। तो अंधेरे का फायदा उठाकर तीसरा आरोपी ज्वाला सतनामी भाग खड़ा हुआ। हालांकि पुलिस की कोशिश है कि दबाव बनाकर तीसरे आरोपी को सरेंडर कराया जा सके।