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जिस जंगल में जन्म लिया, वहीं मारा गया वनराज

सरभंगा के डुडहा नाले के पास करंट की चपेट में आकर मारे गए बाघ की कहानी भी निराली है

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satna - Tiger's death case in Sarbanga

satna - Tiger's death case in Sarbanga

सतना. सरभंगा के डुडहा नाले के पास करंट की चपेट में आकर मारे गए बाघ की कहानी भी निराली है। संबंधित बाघ सरभंगा के जंगल में ही जन्म लिया और वहीं शिकारियों के कारण बे-मौत मारा गया। वन विभाग के अधिकारी बाघ की पहचान को लेकर जांच की बात कर रहे हैं। लेकिन, सरभंगा क्षेत्र के वनकर्मी व ग्रामीणों की मानें तो ये पन्ना की बाघिन का शावक है। चार साल पहले पन्ना की बाघिन अपनी मां की टेरीटरी को छोड़ते हुए सरभंगा पहुंची थी। उसके बाद वह उप्र के रानीपुर वन्य अभ्यारण पहुंची। वहां से वापस लौटते हुए सरभंगा में स्थाई टेरीटरी बना लिया। इसके बाद बाघिन ने तीन साल पहले तीन शावकों को जन्म दिया था। पहली बार वन विभाग के कर्मचारियों ने सरभंगा आश्रम से १०० मीटर की दूरी पर बने यज्ञवेदी के पास बाघिन व शावक के पद चिह्न पाए थे। उसके एक सप्ताह बाद इसी क्षेत्र में बाघिन शावक के साथ देखी गई। इसके बाद बाघिन के मां बनने की पुष्टि हुई थी। शिकारियों के फंदे का शिकार हुआ बाघ उन्हीं तीन शावकों में से एक है। जो अक्सर सरभंगा आश्रम, घोड़ामुंखी मंदिर के आस-पास देखा जाता था।

बाघ के शव के पास बैठकर जलपान

बाघ की मौत के बाद जांच के नाम पर आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान उनका असंवेदनशील चेहरा भी सामने आया। उन्हें बाघ की मौत से ज्यादा अपने भूख-प्यास की चिंता थी। लिहाजा, बाघ के शव के पास ग्रामीणों से कुर्सी लगवाई गई। उसके बाद स्थानीय दुकानों से नाश्ता मंगाया गया। बाघ के शव से चंद कदम दूरी पर अधिकारी बैठ कर कोलडिं्रक्स, नमकीन का आनंद लेते रहे। साथ ही उनके बीच हंसी मजाक का सिलसिला चलता रहा। स्थिति देखकर कोई नहीं कह सकता था कि संबंधित अधिकारी बाघ की मौत की जांच को लेकर गंभीर हैं।

शिकार करने आए थे अन्य वन्यजीवों का, फंस गया बाघ

जिन लोगों को बाघ के शिकार के लिए पकड़ा गया है वे वन्य जीवों का शिकार करते थे। उस दिन भी वे वन्य जीवों के शिकार के उद्देश्य से रात करीब आठ बजे के आसपास जंगल में प्रवेश किए। डुडहा नाले के पास करंट बिछाया और उससे दूर जाकर आग जलाकर बैठ गए, ताकि कोई वन्यजीव फंसता है तो शव को रातोंरात लेकर गायब हो जाएं। संयोग से करंट की चपेट में बाघ आ गया। उसके बाद सभी मौके से भाग खड़े हुए। आग जलाने के सबूत भी मौके पर मिले हैं। बताया जाता है कि वे अक्सर शिकार के लिए रातजगा करते रहे हैं।