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यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर डकैतों की गोलीबारी में हुए शहीद

मानिकपुर के निही चिरैया जंगल में चल रही मुठभेड़, दस्यु लवलेश समेत तीन के मारे जाने की खबर।

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यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर डकैतों की गोलीबारी में हुए शहीद

यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर डकैतों की गोलीबारी में हुए शहीद

सतना। मप्र और उप्र के सीमाई इलाकों में आतंक का पर्याय बने रहे सवा पांच लाख के इनामी डकैत बबली कोल गिरोह से सुबह साढ़े 5 बजे शुरु हुई मुठभेड़ सात घंटे बाद भी जारी है। गुरुवार की अल सुबह उप्र पुलिस और एसटीएफ ने मानिकपुर के सटे निही चिरैया के जंगल में डकैत गिरोह को घेर लिया था। मुठभेड़ के दौरान उप्र पुलिस के उप निरीक्षक रैपुरा थाना प्रभारी जय प्रकाश सिंह डकैतों की गोलीबारी में शहीद हो गए। उधर कुछ डकैतों के मारे जाने की जानकारी आई है। लेकिन नामों को लेकर अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। बबली गिरोह का सदस्य राजू कोल जख्मी हालत में पुलिस के हत्थे चढ़ा है। इसके पैर में गोली लगने की बात सामने आ रही है।

बताया गया है कि पक्की सूचना के आधार पर यूपी पुलिस और एसटीएफ की करीब सौ सदस्यीय टीम मानिकपुर के निहीचिरैया जंगल में उतरी थी। चारों तरफ से घेराबंदी कर डकैत बबली कोल को ललकारा तो आत्मसमर्पण की बजाय उसने हमला कर दिया। दोनों ओर से अंधाधुंध फायरिंग से जंगल दहल उठा। इसी दौरान चित्रकूट जिले के रैपुरा थाना प्रभारी एसआई जयप्रकाश सिंह सीधे डकैतों के निशाने पर आ गए और गोली सीने पर लगी। उन्हें तत्काल ईलाज के लिए कर्बी ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका। जयप्रकाश के शहीद होने की पुष्टि पुलिस अधिकारियों ने की है।

तीन डकैतों के मारे जाने की खबर
इस मुठभेड़ में कम से कम तीन डकैतों के मारे जाने की खबर है। जिनमें बबली का राइट हैंड लवलेश भी शामिल बताया गया है। जिसपर ५० हजार रुपए का इनाम है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। दावा यह भी है कि बबली कोल को भी गोली लगी है। लेकिन मुठभेड़ जारी रहने और दोनों ओर से फायरिंग के चलते अभी तक कोई शव बरामद नहीं किया गया है। इस बीच पुलिस की गोली से घायल डकैत राजू कोल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिसके पैर में गोली लगी है और वह भाग नहीं पाया।

एमपी पुलिस ने मोर्चा संभाला
यूपी सीमा में डकैतों से चल रही मुठभेड़ के बीच सतना पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया है। पुलिस टीम ने एमपी की सीमा को सील कर दिया है। उसे आशंका है कि बचने के लिए डकैत गिरोह सतना जिले के जंगल का रुख कर सकते हैं। लिहाजा पुलिस टीम पूरी तरह से डकैतों से निपटने के लिए मुस्तैद है।

यूपी पुलिस ने डकैतों के हाथों गंवाए हैं डेढ़ दर्जन जांबाज
तराई में यूपी पुलिस ने डकैतों से सर्वाधिक सीधी मुठभेड़ की हैं और खराब रणनीति का नुकसान भी झेला है।
यूपी पुलिस को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाई 6 लाख के इनामी डकैत अम्बिका पटेल उर्फ ठोकिया ने, जिसने दस लाख के इनामी और तीन दशक तक सक्रिय रहे डकैत सरदार शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ को मार गिराने के बाद लाश लेकर कर्बी लौट रहे एसटीएफ के काफिले पर हमला कर 6 कमांडो व एक मुखबिर की हत्या कर दी थी। 23 जुलाई 2007 को फतेहगंज-बांदा के बघोलन जंगल में घात लगाकर किया था हमला।

नानबाबू ने भी पुलिस को बनाया था निशाना
इससे पूर्व खोही चौकी में तैनात यूपी पुलिस के दो सिपाहियों रामसजीवन व रामपाल और कालिंजर थाने के सिपाही रमाकांत मिश्र की हत्या कर बंदूक लूट चुका था। यूपी पुलिस को डकैत ठोकिया के बाद घाव देने वाला दूसरा डकैत था शंकर केवट का चेला घनश्याम केवट उर्फ नानबाबू। जिसने 18 जून 2009 को कर्बी जिले के राजापुर थाना अन्तर्गत जमोली गांव में यूपी पुलिस, एसटीएफ व पीएसी के साढ़े चार सौ जवानों से अकेले मुठभेड़ कर तत्कालीन डीआईजी बांदा के गनर व पीएसी के कम्पनी कमांडर समेत चार सिपाहियों को मार गिराया था।

गौरी यादव ने भी किया था हमला
इससे पूर्व भी 50 हजार का इनामी नानबाबू यूपी पुलिस के दो जवानों की हत्या कर चुका था। तराई में दूसरी बार सक्रिय हुए पौने 2 लाख के इनामी डकैत गौरी यादव ने चार वर्ष पूर्व अपने गांव बिलहरी-बहिलपुरवा में एक चोर को पकडने आए दिल्ली पुलिस के एसआई भगवान शर्मा की हत्या कर दिया थी। डकैत ददुआ और शंकर केवट ने भी यूपी पुलिस को पहुंचाया था नुकसान।