
satna: Warehouse Corporation failed to provide 84000 MT paddy storage space
सतना. जिले में धान खरीदी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। भंडारण की व्यवस्था तेजी से चल रही है। इसके साथ ही एक बड़ी समस्या सामने आई है। जितना धान अपने यहां खरीदा जा चुका है उसके भंडारण के लिए जिले में पर्याप्त जगह ही नहीं है। हालात यह हैं कि 84 हजार मीट्रिक टन धान रखने की जगह जिले में नहीं है। इस वजह से परिवहन सहित अन्य गतिविधियां प्रभावित होनी शुरू हो गई हैं। स्थिति को देखते हुए अब नान ने वेयर हाउसिंग कार्पो. को भण्डारण व्यवस्था उपलब्ध कराने पत्र लिखा है। इसके पीछे वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन की एक और खामी सामने आई है कि उसने नवंबर में 40 हजार मीट्रिक टन क्षमता का अतिरिक्त भण्डारण व्यवस्था देने का वायदा किया था वह तक नहीं कर पाया। इससे उपार्जन व्यवस्था तो प्रभावित हो ही रही है साथ ही जल्द ही सुधार नहीं हुआ तो कानून व्यवस्था की भी स्थिति बन सकती है।
2.40 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी
जानकारी के अनुसार जिले में धान उपार्जन के पहले धान खरीदी का जो अनुमान लगाया गया था उसकी तुलना में इस बार ज्यादा धान की खरीदी हुई है। 21 जनवरी की स्थिति में जिले में 2.40 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी जिले में हो चुकी थी। खरीदी गई धान में से 1.41 लाख मीट्रिक टन धान का भण्डारण किया जा चुका था। 0.99 लाख मीट्रिक टन धान का भण्डारण होना शेष है। समीक्षा के दौरान पाया गया कि सतना जिले में अब 15000 मीट्रिक टन धान भण्डारण के लिए जगह शेष बची है। शेष 84 हजार मीट्रिक टन धान के भण्डारण के लिये जगह ही शेष नहीं है।
फेल हुआ वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन
धान उपार्जन को लेकर भण्डारण व्यवस्था के मद्देनजर पूर्व में नवंबर माह में जब वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के साथ नान की बैठक हुई थी, तब सतना जिले में 40 हजार मीट्रिक टन क्षमता का अतिरिक्त केप उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया गया था। साथ ही आश्वस्त किया गया था कि समय पर कैप उपलब्ध करा दिए जाएंगे लेकिन वेयर हाउसिंग कार्पो. इस क्षमता का एक भी हिस्सा उपलब्ध नहीं करा सका है। इससे अब जिले में धान भण्डारण को लेकर विपरीत स्थितियां बन गई हैं। उधर हालात यह है कि चोरहटा और रेउरा में निर्मित किए जा रहे कैप भी तय समय पर बनते नजर नहीं आ रहे हैं। समय पर ठेकेदारों से काम प्रारंभ नहीं कराने पर यह स्थिति बनी है।
प्रभावित हुई उपार्जन व्यवस्था
भण्डारण स्थल की कमी के कारण परिवहन भी प्रभावित हो रहा है तो अब जिले में छोटे-छोटे वेयर हाउस भी तलाशे जा रहे हैं। साथ ही शासन से यह भी मार्गदर्शन आ चुका है कि अगर भण्डारण की स्थितियां नहीं बनती हैं तो जहां खरीदी हुई है वहीं स्टेक लगाकर कवर कर धान को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाए।
" सतना में भण्डारण को लेकर गंभीर स्थितियां बन गई हैं। मामले में वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन को व्यवस्था उपलब्ध कराने लिखा गया है। अगर व्यवस्था नहीं बनती है तो दिक्कतें आ सकती हैं।"
- अभिजीत अग्रवाल, एमडी नान
Published on:
23 Jan 2020 02:18 am
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