19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रेलवे के लिए मिला-जुला रहा साल 2017, डिरेल हुए इंजन, ट्रैक से उतरे यात्री सुविधाओं के प्रोजेक्ट

साल-2017 सतना जंक्शन में रेल सुविधाओं के हिसाब से मिला जुला असर वाला रहा।

4 min read
Google source verification
Year Ender-2017: Satna railway junction

Year Ender-2017: Satna railway junction

सतना। साल-2017 सतना जंक्शन में रेल सुविधाओं के हिसाब से मिला जुला असर वाला रहा। यात्रियों को बेहतर सर्विस देने के लिए सेवाओं का आधुनिकीकरण करते हुए स्टेशन में खाने-पीने से लेकर टिकट निकालने तक की मशीन लगाई गई तो मुसाफिरों की सुविधाओं के लिए चल रहे निर्माण कार्य बेपटरी हो गए। इंजन के डि-रेल होने की कुछ घटनाओं ने सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए।

नवंबर में वॉस्कोडिगामा एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतरने पर रेलवे में हड़कंप मचा रहा। मालगोदाम में आग लगने के अलावा रेलवे से संबंधित कई अपराध भी सामने आए।

राजस्व जुटाने में पिछड़ता नजर आया

पमरे का कमाऊपूत स्टेशन माना जाने वाला सतना अपेक्षा के अनुरूप राजस्व जुटाने में इस साल भी पिछड़ता नजर आया। यात्री यातायात व पार्सल यातायात में यदि सतना मार्च तक 60 करोड़ का राजस्व एकत्र नहीं कर पाता तो इस साल भी 'ए वनÓ कैटेगरी के स्टेशनों में शुमार होने से वंचित रह जाएगा।

हादसों से सबक नहीं
2-फरवरी :
रीवा से हबीबगंज जाने वाली 12186 रेवांचल एक्सप्रेस का इंजन रीवा स्टेशन में ही शंटिंग के दौरान डिरेल हुआ था। इंजन के आगे के 6 पहिए पटरी से नीचे उतर गए और पीछे के 2 पहिए नीचे उतर गए थे। घटना के चलते रेल ट्रैफिक प्रभावित हुआ था। सतना से क्रेन और एक्सीडेंटल रिलीव ट्रेन बुलाई गई थी।
2-फरवरी :
कटनी-सतना रेलखंड में पटवारा के पास संघ्मित्रा एक्सप्रेस हादसे का शिकार होते-होते बची थी। कटनी से सतना आ रही उक्त ट्रेन की टक्कर पटवारा के पास फाटक नंबर ३५८ में एक डंपर से हो गई थी। हादसे में डंपर के परखच्चे उड़ गए थे। टे्रन बाल-बाल बची थी। कटनी-सतना रूट पर घंटों ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ था।
19-अप्रेल :
सतना के आरओएच डिपो से निकल कर मेंटीनेंस के लिए यार्ड जा रही मालगाड़ी के 3 डिब्बे पटरी से उतर गए। घटना रात तकरीबन 8.20 बजे हुई थी। रात तकरीबन 9.40 पर दुर्घटना राहत वैन को घटना स्थल पर रवाना किया गया। 4 घंटे की मशक्कत के बाद तीन कोच के पहियों को पटरी पर लाया गया।
21-दिसंबर :
जबलपुर मंडल में सेफ्टी के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदम के बाद भी दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। सतना-रीवा रेलखंड में दोपहर करीब एक बजे तुर्की स्टेशन के पास जेपी सायडिंग बेला में मालगाड़ी का इंजन बेपटरी हो गया। 42 बीसीएन की यह मालगाड़ी लोडिंग के लिए बेला जेपी सीमेंट फैक्ट्री जा रही थी।
24-नवंबर :
मानिकपुर स्टेशन में अल सुबह वास्को डि गामा एक्सप्रेस (१२७४१) हादसे का शिकार हो गई थी। ट्रेन मानिकपुर से थ्रू पास हो रही थी तभी १४ डिब्बे बेपटरी हो गए। घटना में तीन यात्रियों की मौत हो गई, जबकि करीब ९ यात्री घायल हो गए। प्रारंभिक जांच में टै्रक फ्रैक्चर के कारण हादसा माना जा रहा था।

2017 के ये पांच काम रह गए अधूरे
1. एस्केलेटर
वृद्ध व बीमार लोगों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे में जाने के लिए सतना स्टेशन के प्लेटफॉर्म एक पर प्रस्तावित एस्केलेटर का कहीं कोई पता नहीं है। एक साल पहले जोर-शोर से काम शुरू करने का दावा किया गया था। हकीकत यह है कि १९ सितम्बर २०१७ तक पूरा होने वाला एस्केलेटर स्टेशन पर कहीं नजर नहीं आ रहा।
2. लिफ्ट
साल गुजर गया, लेकिन सतना जंक्शन में यात्री लिफ्ट का आनंद नहीं ले पाए। स्टेशन के लिए सौगात बताई जाने वाली लिफ्ट का निर्माण प्लेटफॉर्म एक पर चल रहा है। लिफ्ट का स्ट्रक्चर पूरा हो गया है। अब मशीन लगाने भर की देरी है। लिफ्ट का निर्माण पूरा होने की अंतिम तिथि १० अक्टूबर तक थी।
3. अपर क्लास वेटिंग रूम
स्टेशन में यात्रियों की दिनोंदिन बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्लेटफॉर्म एक पर अपर क्लास वेटिंग रूम की स्वीकृति मिली थी। निर्माण की अवधि ३१ दिसम्बर को पूरी हो रही है, लेकिन साइट पर बहुत काम अधूरा पड़ा है।
4. सेपरेट लेडीज वेटिंग रूम
महिलाओं को अलग से बैठने का इंतजाम करने के लिए लेडीज वेटिंग रूम बनाने का काम भी स्टेशन के प्लेटफॉर्म एक में पीछे चल रहा है। निर्माण की हालत देख तय है कि ३१ दिसम्बर के पहले यह पूरा नहीं हो पाएगा।
5. वाई-फाई कनेक्टिविटी
स्टेशन में यात्रियों को 24 घंटे इंटरनेट कनेक्टिविटी देने के लिए वाई-फाई की सुविधा दी जानी थी। अक्टूबर में इसका ट्रायल किया गया था, वीक सिग्नल होने से यह सुविधा पहले फेज में ही खरी नहीं उतर पाई।

मुसाफिरों को मिली मशीनों की सौगात:
साल 2017 में सतना स्टेशन में यात्री सुविधाओं के विस्तार के क्रम में कुछ काम पहली बार हुए। स्टेशन को आधुनिकीकरण करने के लिए चार ऑटोमीटिक टिकट वेंडिंग मशीनें टिकट हाल में लगाई गईं। यात्रियों को एक रुपए में एक लीटर मिनरल वॉटर मुहैया कराने के लिए ४ वाटर वेंडिंग मशीनें प्लेटफॉर्म २ व तीन में लगाई गईं। वेंडरों की मनमानी से बचाने के लिए पांच फूड वेंडिंग मशीनें भी रेलवे ने इस साल सतना स्टेशन को दिया है। फिलहाल तकनीकी कारणों से अधिकांश मशीनें बंद हैं।

सतना में खाते में आधा दर्जन नई ट्रेनें भी
सतना जंक्शन से रोजाना 174 ट्रेनें गुजरती हैं। साल-2017 के बजट में सतना को कोई नई ट्रेन नहीं मिली। बावजूद इसके यहां से आधा दर्जन नई ट्रेनों का रूट होने से विंध्यवासियों को फायदा पहुंचा। लोगों के लिए सूरत, बडोदरा, मुम्बई, पटना, हावड़ा जाना और आसान हो गया। हाल ही में महामना एक्सप्रेस, हमसफर के अलावा दूरंतो का स्टापेज सतना को मिला है। मां शारदा की नगरी में संघमित्रा डाऊन का स्टापेज होने से लोगों में खुशी देखने को मिली।

रफ्तार नहीं पकड़ पाए सेफ्टी से जुड़े काम
सीसीटीवी कैमरे लगाने में देरी : मुंबई के एल्फिस्टन रोड स्टेशन में हुए हादसे के बाद पश्चिम मध्य रेलवे ने हाई कमेटी की बैठक में फुटओवर ब्रिज को बनाने का निर्णय लिया। सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, जो अब तक पास नहीं हो सका। स्टेशन में रोजाना अप-डाउन की पौने दो सौ गाडि़यों का स्टॉपेज है, जिनमें करीब 10 हजार यात्री चढ़ते-उतरते हैं। दिनोंदिन बढ़ती भीड़ के मद्देनजर स्टेशन में एक इमरजेंसी गेट की दरकार है। यह यात्री सुरक्षा के लिहाज से कारगर काम होगा। रेल लाइन विद्युतीकरण के चलते ब्रिज की ऊंचाई बढ़ाने के अलावा इसकी चौड़ाई में भी इजाफा किया जा सकता है।