
Boycott Of Panchayat Elections : Boycott Of Elections
सवाई माधोपुर/मलारना डूंगर
जिले की पंचायत समिति मलारना डूंगर ( Malarna Dungar ) क्षेत्र के दिवाड़ा गांव के ग्रामीणों ने पंचायत चुनावों का बहिष्कार ( Boycott Of Panchayat Elections ) कर दिया। गांव के किसी भी मतदाता ने मतदान नही किया और पूरे गांव के ग्रामीण एकत्रित होकर एक साथ गांव में ही धरने पर बैठे हैं। लेकिन किसी भी अधिकारी ने ग्रामीणों की सुध नही ली। ग्रामीणों ने इस मतदान दिवस को मातम दिवस के रूप में मनाया।
क्या है पूरा मामला ( Sawai Madhopur )
ग्रामीणों के अनुसार ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन से पूर्व उनका गांव शेषा ग्राम पंचायत में शामिल था। लेकिन ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के तहत दिवाड़ा गांव को कुंडली नदी गांव में शामिल कर दिया गया। जो कि 10 किलामीटर से भी अधिक दूरी है। इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने पंचायत चुनावों का बहिष्कार कर दिया और गांव में धरने पर बैठ गए।
1100 मतदाताओं में से एक ने भी नहीं किया मतदान ( Election Boycott )
ग्रामीणों का कहना है कि उनके द्वारा पूर्व में प्रशासन को मामले से अवगत भी करवा दिया गया था। बावजूद किसी ने उनकी समस्या पर ध्यान नही दिया। जिसके चलते गांव के ग्रामीणों द्वारा पंचायत चुनावों के बहिष्कार का निर्णय लिया गया और चुनावो का बहिष्कार कर दिया। फिलहाल कोई भी अधिकारी गांव में नही पहुंचा है और ग्रामीण पंचायत चुनावों का बहिष्कार कर के धरने पर बैठे हैं। समूचे गांव के 1100 मतदाताओं में से एक ने भी मतदान नहीं किया।
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Updated on:
22 Jan 2020 06:50 pm
Published on:
22 Jan 2020 06:28 pm
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