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Rajasthan Tourism: पर्यटकों के लिए खुशखबर, राजस्थान का घड़ियाल अभयारण्य बन रहा पर्यटन का दूसरा हब

Rajasthan Tourism: सवाईमाधोपुर जिले को यूं तो बाघों की अठखेलियों के कारण बाघों की नगरी के नाम से जाता है, लेकिन जिले में चंबल घड़ियाल अभयारण्य भी है।

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शुभम मित्तल
सवाईमाधोपुर। जिले को यूं तो रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की अठखेलियों के कारण बाघों की नगरी के नाम से जाता है, लेकिन जिले में चंबल घड़ियाल अभयारण्य भी है। जहां पर घड़ियाल और मगरमच्छों के साथ कई प्रकार की दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों के दीदार होते हैं। ऐसे में यहां भी पर्यटन की अपार संभावनाएं है।

इसी को देखते हुए अब वन विभाग की ओर से अब राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य को भी जिले के दूसरे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कवायद की जा रही है। इसको लेकर पूर्व में वन विभाग की ओर से यहां पर पर्यटकों के लिए बोटिंग शुरू कर दी गई है और यह पर्यटकों को पसंद भी आ रहा है।

प्रतिदिन करीब तीन सौ पर्यटक पहुंच रहे

वन अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य में प्रतिदिन करीब तीन सौ से अधिक देशी विदेशी पर्यटक बोटिंग का लुत्फ उठाने के लिए आ रहे हैं। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग को करीब 2 लाख 15 हजार की आय भी हो रही है।

रोजगार में भी काफी इजाफा

घड़ियाल अभयारण्य में पर्यटन में धीरे-धीरे इजाफा होने से जहां लोगों को रोजगार और वन विभाग की आय में तो इजाफा हो ही रहा है। साथ ही पर्यटकों को रणथम्भौर के साथ-साथ एक अन्य विकल्प भी मिल रहा है।

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पालीघाट पर बोटिंग और पर्यटन के शुरू होने से राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य में भी पर्यटन में इजाफा हो रहा है और वन विभाग की आय के साथ-साथ रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हो रही है।
-किशन कुमार, रेंजर पालीघाट, सवाईमाधोपुर

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