लोगों में दहशत
गौरतलब है कि सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के सीमेन्ट फैक्ट्री ईलाके में पिछले कुछ दिनों से लगातार पैंन्थर के मूवमेन्ट से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। लोग पैंथर के डर से शाम सुबह भी घर से बाहर निकलने में कतराने लगे हैं। पैंथर लगातार पालतू जानवरों को निशाना बना रहा था। कल एक पैंथर पकड़ने के बाद दुबारा पिंजरा लगाया गया। आज भी एक और पैंथर को पिंजरे में कैद कर लिया गया। पिछले काफी दिनों से लगातार सीमेन्ट फैक्ट्री ईलाके में पैन्थर का मूवमेन्ट देखा गया। जिसे लेकर स्थानीय लोगों में दहशत थी। लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों से फैक्ट्री परिसर में डाल चुके पैन्थरों को पकड़ने की गुहार लगाई।
गौरतलब है कि सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के सीमेन्ट फैक्ट्री ईलाके में पिछले कुछ दिनों से लगातार पैंन्थर के मूवमेन्ट से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। लोग पैंथर के डर से शाम सुबह भी घर से बाहर निकलने में कतराने लगे हैं। पैंथर लगातार पालतू जानवरों को निशाना बना रहा था। कल एक पैंथर पकड़ने के बाद दुबारा पिंजरा लगाया गया। आज भी एक और पैंथर को पिंजरे में कैद कर लिया गया। पिछले काफी दिनों से लगातार सीमेन्ट फैक्ट्री ईलाके में पैन्थर का मूवमेन्ट देखा गया। जिसे लेकर स्थानीय लोगों में दहशत थी। लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों से फैक्ट्री परिसर में डाल चुके पैन्थरों को पकड़ने की गुहार लगाई।
पिंजरे में बकरी बांध पकड़ा
वन विभाग की टीम द्वारा सीमेन्ट फैक्ट्री परिसर में पिंजरा लगाया गया। पिंजरे में एक बकरी भी बांधी गई। बकरी के शिकार के लालच में पैन्थर पिंजरे में फंस गया और वन विभाग की टीम को एक और पैन्थर पकड़ने में सफलता मिल गई। वनकर्मियों के अनुसार सालों से बन्द सीमेन्ट फैक्ट्री परिसर में घना जंगल होने के कारण पैन्थर का एक पूरा परिवार रणथम्भौर के जंगलों से निकलकर फैक्ट्री परिसर में आ पहुंचा और यहीं पर अपना डेरा जमा लिया।
वनकर्मियों के अनुसार अभी सीमेन्ट फैक्ट्री परिसर में और पैन्थरों के होने की संभावना है, जिन्हें पकड़ने के लिए फैक्ट्री परिसर में फिर से पिंजरा लगाया जाएगा। नर पैन्थर के पकड़ में आने से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं सीमेन्ट फैक्ट्री सुरक्षा गार्ड के सुपरवाईजर भगवान सिंह का कहना है कि फैक्ट्री परिसर में अभी दो और पैन्थर है और वन विभाग की टीम के सहयोग से उन्हें भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
पैन्थर के पकड़ में आने के साथ ही लोगों ने राहत की सांस ली है। पैंथरों के मूवमेन्ट का सबसे बड़ा कारण फैक्ट्री परिसर में बड़ी झाड़ियो एवं दखनी बबूल का होना माना जा रहा है। सालो से बन्द पडी फैक्ट्री जंगल में तब्दील हो चुकी है। दूसरी ओर रणथंभौर के जंगल में बाघों के दबाव से भी पैंथरों का रुख बाहर की ओर हो चुका है। सीमेन्ट फैक्ट्री में पानी की उपलब्धता एवं आस पास शिकार आसानी से मिलने की वजह से वन्यजीवों का मूवमेन्ट बना रहता है। एक दो बार तो टाइगर भी यहां देखा गया है। वहीं रीछ जैसे वन्यजीव भी आते रहते हैं। लोगो की मांग है कि सीमेन्ट फैक्ट्री परिसर एवं आस पास से झाड़ियों की सफाई करवाई जाए ताकि वन्यजीवों को छिपने की जगह न मिल सके।