
रणथंभौर में बाघ। फाइल फोटो - पत्रिका
Rajasthan News, Ranthambore News, Sawaimadhopur News, Forest Department, Cheap Safari in Ranthambore's Non-Tourist Zone, Cheap Safari in Ranthambore, Ranthambore Non-Tourist Zone
सवाईमाधोपुर। रणथम्भौर क्षेत्र के नॉन पर्यटन जोन में सस्ती सफारी शुरू करने की वनविभाग की योजना खटाई में पड़ गई है। हुआ यूं कि जिस जमीन को वनविभाग आईओसीएल से लेना चाह रहा था। उस जमीन का रीको ने आईओसीएल को 1983 में पट्टा दिया था। वनविभाग इस जमीन को लेना चाह रहा था, जिस पर आईओसी ने सहमति जताई थी। लेकिन उक्त जमीन का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण आईओसीएल ने इस जमीन को देने का प्रस्ताव फिलहाल स्थगित कर दिया है। ऐसे में वन विभाग की योजना खटाई में पड़ गई है।
बता दें कि गत दिनों जयपुर के नाहरगढ़ जैविक उद्यान और गुजरात के गिर की तरह रणथम्भौर में भी बंद गाड़ी में टाइगर सफारी शुरू करने को लेकर वनविभाग ने एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था। लेकिन अब यह योजना साकार होती नहीं दिख रही है।
एलपीजी बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने के लिए आईओसीएल को करीब 94 एकड़ भूमि वर्ष 1983 में 99 साल की लीज पर रीको की ओर से दी गई। उक्त जमीन पर आईओसीएल की ओर से लगभग 18 वर्ष तक गैस प्लांट चलाया गया। इसके बाद आईओसीएल ने गैस पाइपलाइन आने की वजह से नया बॉटलिंग प्लांट सीतापुरा जयपुर में स्थापित कर दिया और यहां का प्लांट बंद कर दिया। आइओसीएल ने बंद गैस बॉटलिंग प्लांट की जमीन को विक्रय करने का टेंडर वर्ष 2010 में किया। इसमें सात कंपनियों ने भाग लिया था।
इस दौरान इसका सफल करार भी हुआ, जो कि रिजर्व प्राइस से दो गुना से ज्यादा कीमत पर खोला गया। उस समय आइओसीएल के अधिकारियों ने लगभग 10 महीने बाद टेंडर को बिना उचित कारण के निरस्त कर दिया था। जिसके कारण यह मामला उच्च न्यायालय में चला गया। न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के बावजूद आईओसीएल ने इस जमीन को बेचने के लिए साल 2021 में टेंडर निकाला, जिस पर 6 अक्टूबर 2021 को यथास्थिति के आदेश हो गए। अब फिर से इसी भूमि के लिए आईओसीएल के महाप्रबंधक ने वन विभाग को सौंपने की सहमति दी थी। लेकिन यह विवाद सामने आने के बाद अब आईओसीएल ने भी इस जमीन को वनविभाग को सौंपने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया है।
यह भी पढ़ें
पूर्व में वनविभाग को जमीन देने का प्रस्ताव था, लेकिन इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में स्टे होने के चलते यह आगे नहीं बढ़ा। अभी जमीन को वनविभाग को देने का कोई प्रोविजन नहीं है।
योगेंद्र जैप, मैनेजर लॉ, आईओसीएल, राजस्थान
Published on:
30 Jun 2025 01:04 pm
बड़ी खबरें
View Allसवाई माधोपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
