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राजस्थान के सवाई माधोपुर में सवारियों से भरी बस बनास नदी में गिरी, 33 लोगों की मौत, मचा कोहराम

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में शनिवार सुबह सवारियों से भरी एक बस बनास नदी में गिरने से 33 लोगों की मौत हो गई।

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Sawai Madhopur Accident

सवाई माधोपुर। सूरज उगने के साथ ही सवाई माधोपुर में शनिवार मौत ने तांडव किया। बनास नदी में गिरी एक बस में सवार 33 लोगों की जान नदी ने निगल ली। बस में उस समय करीब चालीस से ज्यादा सवारियां मौजूद थी। जैसे ही बस गिरी उसके तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरु हुआ। कलेक्टर एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए।

स्थानीय थाने के अलावा तीन अन्य थानों की पुलिस और आसपास के ग्रामीणों ने मौके पर डेरा डाल लिया और बचाव कार्य में हाथ बटाने लगे। क्रेन की मदद से पहले तो बस को बाहर निकाला गया और उसके बाद नदी में समा रहे शवों को धीरे-धीरे बाहर निकाला गया। नदी ने इतने शव उगले की नदी के पास शवों का ढेर लग गया। मृतकों की संख्या तीस से भी ज्यादा बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक बस को नाबालिग कंडक्टर चला रहा था। हालांकि अभी तक प्रशासन ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।

पुलिया तोड़ते हुए सौ फीट नीचे गिरी बस, पानी कम था मरे ज्यादा
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे कलक्टर केसी वर्मा और एसपी मामन सिंह ने बताया कि बस सवाई माधोपुर से रवाना होकर लालसोट की ओर जा रही थी। बस में करीब चालीस से पैतालीस लोग सवार थे।

सवेरे करीब सात बजे पहले बीस किलोमीटर चलने के बाद बस दुब्बी पुलिया पर पहुंची। वहां पर एक वाहन को ओवरटेक करने के चक्कर में बस चालक बस से संतुलन खो बैठा और बस पुलिया की रेलिंग तोड़ते हुए करीब सत्तर फीट नीचे नदी में जा गिरी। घटना स्थल मलारणा डूंगर थाना क्षेत्र में आता है।

बाबा के आश्रम में जा रहे थे बस में सवार अधिकतर लोग
मृतकों के परिजनों और बस में घायल लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने बताया कि बस में सवार अधिकतर लोग घटना स्थल से कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित मलारणा चौड़ गांव में बने एक आश्रम में जा रहे थे। आश्रम में रहने वाले एक साधु हर शनिवार को कई जटिल बीमारियों का मुफ्त में इलाज करता है इस तरह की जानकारी पुलिस को मिली है। यह भी बताया जा रहा है कि इन बाबा का आश्रम कुछ दिन पहले ही प्रशासन ने बंद कराया था। कुछ दिन पहले ही यह आश्रम फिर से खोल लिए गया था। अब यह जांच की जा रही है कि इसे खोलने में किन अफसरों की मिलीभगत है।

चिकित्सक भी पहुंचे और निजी अस्पतालों में भी भेजा
हादसे के बाद सवाई माधोपुर के राजकीय अस्पताल में घायल लोग और मृतकों के शव आना शुरु हुए तो अस्पताल में देखते ही देखते करीब दो हजार से ज्यादा लोग जुट गए। इस बीच जब डॉक्टरों की कमी हुई तो इलाज के लिए वे डॉक्टर पहुंचे जिनको दो दिन पहले ही स्थानीय पुलिस ने हड़ताल करने के लिए गिरफ्तार कर लिया था। तीन चिकित्सक गिरफ्तार किए गए थे। तीनों चिकित्सक मौके पर पहुंचे और इलाज शुरु किया।

दस साल पहले इसी तरह मरे थे 26 लोग
दुब्बी पुलिया पर हुए इस हादसा स्थल से करीब दस किलोमीटर दूरी मोरेल पुलिया पर भी करीब दस साल पहले इसी तरह से हादसा हुआ था। भूसे से भरे एक ओवरलोड़ जुगाड को ओवरटेक करने के चक्कर में एक विडियोकोच बस नदी में जा गिरी थी। हादसे में 27 जानें गई थी। मृतक झालावाड़ के एक टीचर ट्रेनिंग कॉलेज के छात्र थे।


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