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Sawaimadhopur: त्रिनेत्र गणेश मंदिर में 7 दिन बाद श्रद्धालुओं की एंट्री शुरू, बाघिन-शावकों के मूवमेंट से बंद था प्रवेश

Trinetra Ganesh Temple: बाघिन और शावकों की आवाजाही के कारण रणथम्भौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की एंट्री 7 दिन से बंद थी। वन विभाग की मॉनिटरिंग के बाद रविवार से फिर से प्रवेश शुरू कर दिया गया।

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Trinetra Ganesh Temple

Trinetra Ganesh Temple (Photo- Patrika)

Trinetra Ganesh Temple in Sawaimadhopur: सवाईमाधोपुर जिले के प्रसिद्ध रणथम्भौर दुर्ग में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश एक सप्ताह बाद रविवार से फिर शुरू हो गया है। पिछले कई दिनों से यहां वन विभाग ने सुरक्षा के लिहाज से लोगों का आना-जाना बंद कर रखा था।


बता दें कि वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 29 जून को रणथम्भौर दुर्ग क्षेत्र में बाघिन रिद्धि और उसके दो शावकों को देखा गया था। बाघिन के साथ शावकों के मूवमेंट की पुष्टि होने के बाद विभाग ने एहतियात के तौर पर किला परिसर में लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इस दौरान वन विभाग की टीम लगातार बाघिन और शावकों की निगरानी कर रही थी।


शावक दुर्ग क्षेत्र में ही घूमते रहे


गुरुवार तक बाघिन और उसके शावक दुर्ग क्षेत्र में ही घूमते रहे। शुक्रवार को उनके मूवमेंट की खबर नहीं मिली, लेकिन शनिवार को तेज बारिश के कारण रास्ते खराब हो गए, जिससे प्रवेश फिर नहीं खोला जा सका। रविवार को मौसम साफ होते ही वन विभाग ने फिर से श्रद्धालुओं को दुर्ग में आने की अनुमति दे दी।


टाइगर मूवमेंट के कारण श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक


हालांकि, रणथम्भौर दुर्ग की सुरक्षा दीवार कई जगह से टूटी हुई है। इसी वजह से बाघ और शावक आसानी से किले में आ जाते हैं। लगातार टाइगर मूवमेंट के कारण श्रद्धालुओं के प्रवेश पर बार-बार रोक लगानी पड़ती है।


क्या कहना है स्थानीय लोगों का


स्थानीय लोगों का कहना है कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर उनके आराध्य स्थल हैं और हर साल हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन दीवार की मरम्मत न होने से वे अक्सर दर्शन से वंचित रह जाते हैं। लोग चाहते हैं कि पुरातत्व विभाग जल्द से जल्द क्षतिग्रस्त दीवार की मरम्मत कराए, ताकि टाइगर मूवमेंट रोका जा सके और श्रद्धालु सुरक्षित रूप से दर्शन कर सकें।