
सुभाष मिश्रा@सवाईमाधोपुर
आईआईटी ग्रेजुएट रोहित त्रिवेदी ने विदेश में बड़े पैकेज की नौकरी छोड़ न केवल स्वदेश का रुख किया, बल्कि हाइटेक डेयरी बनाकर कामयाबी की इबारत लिख दी। वे सवाईमाधोपुर जिले के गंगापुरसिटी क्षेत्र में गुजराती गिर गाय की डेयरी का सफल व्यवसाय कर रहे हैं।
गिर गाय का दूध अमृत के समान
लगभग बीस वर्षों की कार्पोरेट जिंदगी छोड़कर रोहित वापस गंगापुर आ गए। विदेशी जीवन शैली उन्हें रास नहीं आई। उन्होंने अपनी जड़ों से जुड़कर व जुनून को पूरा करने की ठानी। उन्होंने जिले की पहली गुजराती गिर गाय की डेयरी स्थापित की। इसकी शुरुआत करीब डेढ़ साल पहले आठ गायों से की। उनको पाला-पोसा और अच्छी खुराक दी। स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा। इसके चलते उनकी दूध डेयरी में चालीस गोवंश हो गए। उन्होंने बताया कि गिर गाय का दूध और घी दोनों ही स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य माने जाते हैं। पोषण की दृष्टि से बाजार में गिर गाय के दूध की बहुत मांग रहती है और इसे काफी पसंद किया जाता है।
गांव में खेतीबाड़ी से मिली प्रेरणा
रोहित का परिवार पिपलाई के पास लाडपुरा गांव में पिछले कई सालों से खेतीबाड़ी व पशुपालन से जुड़ा है। गांव में कृषक परिवार व खेतीबाड़ी का माहौल था। इसी से उन्हें डेयरी व गाय पालन का व्यवसाय शुरू करने की प्रेरणा मिली।
500 लीटर दूध रोजाना
उन्होंने बताया कि डेयरी फार्म हाउस पर प्रतिदिन करीब 500 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। प्रति गाय रोज 12 लीटर दूध उपलब्ध होता है। ऐसे में 40 गायों से प्रतिदिन 500 लीटर दूध मिल जाता है। गिर गाय का दूध दिल्ली में 150 रुपए लीटर बिकता है। देसी घी की कीमत भी अच्छी मिल जाती है जो कि 3,500 रु. लीटर तक होती है।
करोडों का पैकेज भी नहीं लुभा पाया
रोहित ने आईआईटी मद्रास से बीटेक व एमटेक की डिग्री ली है। उन्हें अमेरिका, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन समेत 28 देशों में कार्य करने का अनुभव है। विदेश में नौकरी करने पर सालाना दो करोड़ रुपए का पैकेज मिलता। करोड़ों का पैकेज एक आम भारतीय के लिए किसी सपने के सच होने जैसा है लेकिन रोहित ने स्वदेश में ही अलग करने की ठानी।
Published on:
12 Jan 2023 05:23 pm
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