बैठक में अधिकतर लोगों ने किसी जति, धर्म, आदि के नाम पर वोट मांगने वाले प्रत्याशियों का विरोध करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर लोगों ने कहा कि वर्तमान में राजनीति में बदलाव लाना आवश्यक हो गया है। राजनेताओं ने स्वहित अपना लिया है। लोगों का कहना है कि आजादी के 70 वर्षों के बाद भी कस्बे सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात के साधनों का नितांत अभाव है। वहीं दूसरी ओर करीब बारह हजार की आबादी वाले कस्बे में विज्ञान संकाय की कई वर्षों से की जा रही मांग भी पूरी नहीं हो पाई है।
NEWS: अमित शाह से पहले यहां पहुंच गए राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीना और लोगों से कह दी ये बात हालांकि लोगों का मानना है कि वर्तमान विधायक ने क्षेत्र में विकास कार्य जरूर करवाए हैं, लेकिन अभी भी विकास की दृष्टि से क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है। लोगों का मानना है कि राजनीति में स्वच्छ छवि वाले प्रत्याशियों को जिताकर ही देश को विकास की ओर अग्रसर किया जा सकता है। लोगों ने राजस्थान पत्रिका के इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम में कस्बे के मुरारीलाल खांडल, रत्नाकर सीठा, राजेंद्र गोहिल, जिला परिषद सदस्य सुनीता तिलकर, नरेंद्र गोहिल, महेंद्र महावर, चेतन मोदावत, कैलाश चन्द शर्मा, अनिल गुप्ता, इरफान खान, अशोक गोयल, मोहन शर्मा सहित कई उपस्थित थे।