पौराणिक कथाओं में इस जल कुंड को नारदकुंड और नील कुंड के नाम से भी जाना जाता है। भीम कुंड का पानी इतना पारदर्शी है कि भीतर तक का नाजारा आसानी से देख सकते हैं। इसके पानी की तुलना मिनरल वाटर से की जाती है। यही वजह है कि भीम कुंड अपने आप में ही अद्भुत माना जाता है। जो अपने भीतर कई रहस्य समाए हुए है।
– जब इस रहस्यमय जलकुंड की खबर विदेशी मीडिया तक पहुंची तो एक इंटरनेशनल चैनल की टीम वैज्ञानिकों की टीम को यहां लेकर आई। इस जलकुंड की गहराई नापने के लिए कई प्रयोग किए, लेकिन सफल नहीं हो पाई।
– बताया जाता है कि अगर कोई व्यक्ति पानी में डूब जाता है तो उसका शरीर पानी में तैरने लगता है लेकिन इस भीम कुंड में डूबे हुए व्यक्ति का शरीर मौत हो जोने के बाद ऊपर नहीं आता।
– स्थानीय लोगों के अनुसार- यह रहस्यमय कुंड आने वाली आपदा या अनहोनी के संकेतों को आसानी से भांप लेता है। जब भी कोई आपदा आने वाली होती है तो इसके पानी का स्तर बढ़ जाता है। भूकंप और सुनामी के संकेतों का भी पता चल जाता है।
– स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इसका पानी कभी कम नहीं होता। वैज्ञानिक इस पानी के स्रोत का पता अब नहीं लगा पाए हैं।
– कई बार प्रशासन ने भी इसमें से पाइप लाइन लगाकर पानी को बाहर निकाला, लेकिन पानी के स्तर में कोई कमी नहीं आई। जब गोताखोर एक बार फिर 80 फीट नीचे भीम कुंड में गए, तो वहां जल की तेज धाराएं मिलीं। जिसका लिंक समुद्र से जुड़ा है। वैज्ञानिकों के अनुसार- भीमकुंड का पानी लगातार बदलता रहता है, लेकिन यह कभी खाली नहीं होता।