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चांद पर सालों से नहीं मिटा ये खास निशान, जानिए क्या हो सकती है वजह

दूधिया रोशनी में नहाया सुंदर चाँद हमारे लिए धर्म-कर्म का भी केंद्र रहता है। आइए इसी चाँद के बारे में कुछ रोचक बातें साझा करते हैं जिन्हें आप नहीं जानते होंगे।

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Vineeta Vashisth

Aug 07, 2018

moon surface

चांद पर सालों से नहीं मिटा ये खास निशान, जानिए क्या हो सकती है वजह

नई दिल्ली: चंद्रमा यानी चांद पृथ्वी के आस पास चक्कर लगाने वाला ग्रह ही नहीं बल्कि धरती पर करोड़ों बच्चों का चंदा मामा भी है। दूधिया रोशनी में नहाया सुंदर चाँद हमारे लिए धर्म-कर्म का भी केंद्र रहता है। आइए इसी चाँद के बारे में कुछ रोचक बातें साझा करते हैं जिन्हें आप नहीं जानते होंगे।

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क्या आप जानते हैं कि चांद पर सबसे पहले नील आर्मस्ट्रांग ने अपना कदम रखा था और इतने सालों बाद आज भी नील के कदम के निशान चांद की सतह पर मौजूद हैं। दरअसल चाँद पर हवा नहीं है और इसी कारण वहां मौजूद हर चीज के निशान बने रहते हैं। इसी कारण अगर चांद पर तेज तेज आवाज में भी चिल्लाया जाए तो दूसरे साथी तक वो आवाज नहीं पहुंच पाएगी।

आपको जानकर शायद हैरानी होगी कि चांद धरती का ही एक हिस्सा है जो 450 करोड़ साल पहले पृथ्वी से टूटकर अलग हो गया था। वैज्ञानिक इस बात की पुष्टि करते हैं कि तब एक उल्कापिंड पृथ्वी से टकराया था जिसकी वजह से चांद का जन्म हुआ था। चन्द्रमा moon पर गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव पृथ्वी के मुकाबले बहुत कम है जिससे अगर आप का वजन पृथ्वी पर 60 किलो है तो चाँद पर 10 किलो ही होगा।

चांद 27.3 दिनों में धरती का एक चक्कर लगाता है। चाँद के कारण ही धरती पर ज्वार भाटा आता है। 1972 के बाद से ही चंद्रमा पर कोई नही गया है और अब तक केवल 12 इंसा्न ही चाँद के मिशन पर भेजे जा चुके हैं। पूरा चांद आधे चाँद से 9 गुना ज्यादा चमकदार होता है और शायद यही कारण है कि पूरणिमा की रात में धरती पर इतनी ज्यादा दूधिया रौशनी होती है।

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अमेरिका के वाशिंगटन स्टेट विश्वविद्यालय के ड्रिक शुल्जे मैकुच का अनुमान है कि अगर जल व विशेष वातावरण शुरुआती चंद्रमा पर लंबे समय के लिए मौजूद थे तो चंद्रमा की सतह अस्थायी रूप से रहने के योग्य रही होगी।

विज्ञान पत्रिका एस्ट्रोबॉयोलाजी में प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में कहा गया है कि पृथ्वी के चंद्रमा पर जीवन के दो प्रारंभिक संकेत वास्तव में हो सकते हैं। यानी चंद्रमा की सतह चार अरब साल पहले एक डिबेरिज चकती से बने चंद्रमा के तुरंत बाद और फिर 3.5 अरब साल पहले चंद्रमा की ज्वालामुखी की गतिविधियों के बाद की स्थितियां सरल जीवन के विकास के लिए पर्याप्त थीं।

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चाँद का 59 % हिस्सा ही पृथ्वी से देखा जा सकता है। जब चांद पृथ्वी के चक्कर लगाता है तो अपना एक हिस्सा ही पृथ्वी की तरफ रखता है। चाँद जिस तेजी से धरती से हर साल 4 सेंटीमीटर दूर सरक रहा है और 50 अरब साल बाद चाँद धरती से इतना दूर होगा कि चाँद का धरती से एक चक्कर 47 दिन का होगा। चाँद की पृथ्वी से दूरी 384403 किलोमीटर है। अगर चाँद ना होता तो धरती पर दिन केवल 6 घण्टे का होता।