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वन विभाग रिश्वत कांड: ड्राइवर ने खोली अफसरों की पोल, कहा- मैंने रेंजर को दिए पैसे

MP News: वन विभाग के रिश्वत कांड में नया मोड़, ड्राइवर ने खुलासा किया कि पैसे रेंजर को दिए गए। अफसर आरोपियों को बचाने में जुटे, आउटसोर्स कर्मचारी को मोहरा बनाया।

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सीहोर

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Akash Dewani

Sep 21, 2025

Forest Department Bribery Scandal driver exposes officers mp news

Forest Department Bribery Scandal driver exposes officers (फोटो- सोशल मीडिया)

Forest Department Bribery Scandal: सीहोर के फूलमोगरा जोड़ पर लकड़ी से भरे चारपहिया वाहन को छोड़ने की एवज में 30 हजार रुपए लेने के मामले में विधायक के हस्तक्षेप पर रुपए वापस कराने के बाद डीएफओ अर्चना पटेल दोषी कर्मचारियो को बचाने में जुट गई है। डीएफओ ने आउटसोर्स कर्मचारी रेंजर चंदर सिंह भिलाला के ड्राइवर जगदीश वर्मा (Driver Jagdish Verma) के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए है। डीएफओ के इस रवैए से नाराज वाहन चालक जगदीश वर्मा ने शनिवार को कई गंभीर खुलासे किए। (MP News)

अंदर की कहानीः ड्राइवर की जुबानी…

जगदीश वर्मा ने बताया कि इंदौर-भोपाल स्टेट हाइवे पर 13 सितंबर को दोपहर 1.30 बजे फूलमोगरा जोड़ पर इमली की लकड़ी से भरी गाड़ी की सूचना रेंजर बंदर सिंह भिलाला को मिली थी। उन्होंने दल गठित कर कार्रवाई के लिए भेजा था। मैं डिप्टी रेंजर हरजीत साहू वन जगदीश वर्मा रक्षक संतोष साहू, संजय शर्मा, वीरेंद्र भाटी को सरकारी गाड़ी से मौके पर ले गया। चारपहिया वाहन में इमली की लकड़ी भरी थी। टीम ने पंचनामा बनाया। वाहन चालक वसीम से हस्ताक्षर कराए और सभी ने मिलकर उससे लेनदेन की बात की। डील कितने रुपए में हुई इसकी जानकारी मुझे नहीं थी।

वसीम खान के पास जब वनरक्षक संजय शर्मा के साथ रुपए लेने गया तो वसीम ने उसे 30 हजार रुपए दिए। वे रुपए लेकर सीधे रेंजर चंदर सिंह भिलाला के पास पहुंचे। रुपए रेंजर को देने के बाद वह बंगले से निकल आए। दूसरे दिन शिकायत होने पर डीएफओ अर्चना पटेल ने उन्हें बुलाया, फटकार लगाई। डीएफओ ने ऑफिस से ही रेंजर भिलाला को फोन किया रुपए वापस कराने के निर्देश दिए। वसीम को रुपए वापस रेंजर चंदर ने ही किए हैं। इस मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है, मुझ गरीब को झूठा फंसाया जा रहा है।

वाहन चालक के पास नहीं थी वैध टीपी

फूलमोगरा जोड़ पर वन अमले ने जिस वाहन को पकड़ा, उसके पास जलाऊ वनोपज इमली का परिवहन करने की वैध टीपी नहीं थी, जिसे लेकर वन अमले ने नए मध्यप्रदेश वनोपज अभिवहन नियम 2022 का हवाला देकर 30 हजार रुपए रिश्वत ली। विधायक सुदेश राय के हस्तक्षेप के बाद डीएफओ ने वसीम के रुपए वापस करा दिए, लेकिन अवैध परिवहन करने को लेकर वसीम के खिलाफ वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब वसीम इस पूरे मामले से खुद को दूर किए हुए है, जबकि इस मामले में अवैध परिवहन के मामले में उस पर भी कार्रवाई होनी बाहिए। (MP News)

डीएफओ और रेंजर की मीडिया से दूरी

शनिवार को वन अमले में दिनभर रिश्वत कांड चर्चा में रहा है। बताया जा रहा है कि डीएफओ अर्चना पटेल, मामले से रेंजर चंदर सिंह भिलाला, उपवन क्षेत्रपाल हरजीत साहू, वन रक्षक संतोष साहू, वीरेन्द्र भाटी को दूर रखकर वन रक्षक संजय शर्मा को निलंबित करने की तैयारी कर रही है। जांच की जाए तो इस मामले में रेंजर, डिप्टी रेंजर और तीन वन रक्षक के साथ ड्राइवर सभी दोषी है, सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मामले को दबाने डीएफओ पटेल और रेंजर चंदर सिंह मीडिया से भी दूरी बनाए हुए है, शनिवार को इनका पक्ष जानने इनके सरकारी और निजी नंबर पर कई कॉल किए, लेकिन रिसीव नहीं किया। (MP News)