
kubereswar dham controversy pandit pradeep mishra shila poojan sehore (फोटो-सोशल मीडिया)
kubereswar dham controversy: सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) की कांवड़ यात्रा में बदइंतजामी से मची भगदड़ में 7 लोगों की मौत ही नहीं हुई। बल्कि धार्मिक नजरिए से यहां होने वाली पूजा ठीक से नहीं हो रही थी।
शनिवार को कुबेरेश्वर धाम की विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित ने जो बयान दिया कि धाम में अभी मंदिर बन रहा है। बाबा भोले की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है। केदारनाथ की नदी से लाई गई शिला की पूजा होती है। इस बयान से मठ-मंदिरों के पुजारी, महामंडलेश्वर नाराज हैं। उन्होंने पं. मिश्रा पर श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ करने के आरोप लगाए हैं। सनातन प्रेमियों का कहना है कि इसे रोका जाए।
यशोधानवंन जगतगुरु अजय पुरोहित ने बताया, तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा, 'लिंग थापि विधिवत कर पूजा, शिव समान पिय मोय ना दूजा'। श्रीराम ने रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापना कर पूजा की। सीहोर में बिना प्राण-प्रतिष्ठा शिला का अभिषेक करने से लोगों को पूजा का फल नहीं मिलने वाला। (mp news)
श्रीराधेश्याम मंदिर गल्ला मंडली के महंत माधव दास त्यागी ने कहा, हर पत्थर पूजनीय नहीं होता। पत्थर तराश कर भगवान की मूर्ति बनाते हैं। जब प्राण-प्रतिष्ठा होती है, तब पूजा करते हैं। कुबेरेश्वर धाम में हो रही पूजा प्रतिष्ठित पूजा नहीं है। (mp news)
Published on:
11 Aug 2025 09:03 am
बड़ी खबरें
View Allसीहोर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
