
MPPSC Result Success Story : MPPSC 2021 में तीसरा स्थान पाने वाली सीहौर जिले ( Sehore District ) के बुधनी में रहने वाली मध्य प्रदेश की बेटी पूजा चौहान ( Pooja Chauhan ) ने सिर्फ अपने परिवार ही नहीं, बल्कि अपने शहर और राज्य का नाम रोशन किया है। पूजा चौहान ग्राम बकतरा के किराना व्यापारी राजेंद्र सेठ की बेटी है। पूजा चौहान ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा आयोग ( Civil Service Commission ) में तीसरा रैंक प्राप्त करके डिप्टी कलेक्टर ( Deputy Collector ) बनी हैं।
डिप्टी कलेक्टर पूजा चौहान का कहना है कि किसी भी परीक्षा पास करने के लिए तैयारी में निरंतरता रखें। खुद पर विश्वास और ईश्वर पर भरोसा रखें। सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि पीएससी का सिलेबस बहुत फास्ट है। इसमें सफलता के लिए पॉइंट टू पॉइंट तैयारी करें। उसे प्रॉपर कवर कर आंसर राइटिंग करें। गाइडेंस सही मिलेगा तो सफलता जरूर मिलेगी। मुझे दूसरे प्रयास में सफलता मिली है। पहली बार में मैं इंटरव्यू तक गई थी। सिलेक्शन नहीं होने पर मैंने अपनी कमियों पर
फोकस किया और अुपनी कमियों को दूर किया, जिसका नतीजा आज आपके सामने है।
ग्राम बकतरा में पूजा चौहान के डिप्टी कलेक्टर बनने पर हर्ष की लहर छा गई। इसी बीच उनके बकतरा गृह नगर पहुंचने पर बड़े ही धूमधाम से ग्राम वासियों ने जुलूस निकाला। सभी लोगों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। इस दौरान जमकर आतिशाबाजी हुई और ढोल की थाप पर पूरा गांव नाचते गाते बेटी का स्वागत करता नजर आया। हर कोई बेहद खुश था कि उनके गांव की बेटी SDM बनकर लौटी है।
बेटी की इस शानदार उपलब्धि पर पूजा के पिता राजेन्द्र सेठ ने मीडिया से चर्ता के दौरान कहा कि पूजा ने अपने भाई का सपना पूरा करने के लिए दूसरे प्रयास में ये सफलता हासिल की है। ये ईश्वर की कृपा और बेटी की मेहनत का फल है, उसका चयन डिप्टी कलेक्टर के रूप में हुआ है। बता दें कि पूजा के पिता बकतरा में किराना की दुकान चलाते हैं। पूजा की मां रमसो चौहान भी बेटी की उपलब्धि से बेहद खुश है। वे इसे माता की कृपा मानती हैं।
पूजा के पिता ने ये भी बताया कि उनकी बेटी को पीएससी की प्रेरणा उसके बड़े भाई से मिली है। पूजा का भाई ग्रेजुएशन करने के बाद यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली गया था। एक साल तैयारी के बाद उसने परीक्षा दी। हालांकि उसमें उसका सिलेक्शन नहीं हो सका। दुकान संभालने में मैं अकेला था। ऐसे में मैंने बेटे को दिल्ली से वापस बुला लिया। इसके बाद कोरोना आ गया। तब से बेटा मेरे साथ दुकान संभाल रहा है। यूपीएससी या पीएससी पास कर अफसर बनने का उसका सपना अधूरा रह गया। लेकिन बेटी ने अपने भाई का वो अधूरा सपना पूरा कर दिया है।
Updated on:
08 Jun 2024 10:36 am
Published on:
08 Jun 2024 10:27 am
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